पहले सौ का इंतजाम कर लाओ, फिर आकर गेहूं चावल ले जाओ
प्रधानमंत्री निशुल्क योजना में उपभोक्ता को जबरन थमाया जा रहा किराने का सामान
फतेहपुर। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ लेने के लिए अब जेब में ₹100 होना जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विभागीय स्तर पर कोटेदारों की माली हालत बेहतर बनाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से दैनिक उपयोग की वस्तुएं कमीशन के आधार पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जाने का जिम्मा सौंपा गया है। इसी कारण कोटेदार राशन देने से पहले एक किलो डिटर्जेंट पाउडर, 3 डिटर्जेंट सोप, के साथ ₹10 की एक चाय की पैकेट का कुल ₹100 ले रहे हैं। जो इस नवीन व्यवस्था से वाकिफ नहीं है उन्हें बगैर निशुल्क राशन के वापस लौटना पड़ रहा है।
जिले में 1099 सार्वजनिक राशन की दुकाने हैं। कोरोना काल से सरकार की तरफ से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकारी कोटा की दुकानों से मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इस मर्तबा उपभोक्ताओं को मुफ्त गेहूं व चावल के साथ ₹100 की कीमत का किराने का सामान भी दिया जा रहा है। हरेक कार्ड धारक को एक किलो डिटर्जेंट पाउडर 3 सोप ₹10 की चाय की पत्ती लेनी पड़ रही है। जो उपभोक्ता इसे लेने में ना नुकर कर रहा है। उसे लौटाया जा रहा है। ऐसे में तमाम राशन की दुकानों में कोटेदार और उपभोक्ताओं के बीच वाद विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। बिंदकी की राज कुमारी सरकारी राशन लेने के लिए एक दुकान पहुंची तो काफी देर बाद नंबर आने पर कोटेदार ने उन्हें आगे बढ़ने से यह कह कर रोक दिया कि अम्मा 100 का नोट लेकर आई हो कि नहीं। उत्तर न में मिलने पर कोटेदार ने यह कहकर अंगूठा लगाने से मना कर दिया कि पहले नोट की व्यवस्था करके लाओ फिर आकर सरकारी अनाज ले जाओ। इस तरह के हालात का सामना तमाम राजकुमारी कर रही है। पुरानी बिंदकी के मुंशी सिंह का कहना है कोटेदार साबुन डिटर्जेंट पाउडर न लेने पर राशन देने से मना कर रहा है। इस पर किसी तरह का एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
*जानकारी देने में आनाकानी से बने हालात*
फतेहपुर। वितरण से पहले प्रचार प्रसार कराया जाए। हाल यह है कि कोटेदार, कुछेक कार्डधारकों को गल्ला वितरित होने की तारीख बताकर अपने दायित्व की इतिश्री कर लेते हैं। जबकि उपभोक्ता तक वितरण की सूचना पहुंचानी होती है। जाहिर सी बात है कि इस बार भी ठीक से वितरण की जानकारी नहीं दी गई। अगर ऐसा किया गया होता तो कहा सुनी की स्थिति देखने को नहीं मिलती।
*बोले अफसर*
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से दैनिक उपयोग की वस्तुओं को भी उपलब्ध कराए जाने के शासन से निर्देश मिले हैं। हालांकि मुफ्त अनाज के अलावा कोटेदार के जरिए उपलब्ध कराए जाने वाला सामान लेने को किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है। अगर कोई कोटेदार ऐसा कर रहा है तो शिकायत की जाए। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- *अभय सिंह,जिला पूर्ति अधिकारी*