भारत के सन्त उमाकान्त जी महाराज की प्रार्थना- जो देश-विदेश में बैठकर अपराध करते, कराते है, सुधर जाओ, सुधरने का मौका होता है
नौजवानों की शक्ति अगर अपराध की तरफ बढ़ गई तो आपके घर समाज बिरादरी की कैसे रक्षा होगी
जोधपुर (राजस्थान)इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि यह नौजवानों की जिनकी आदत खराब हो रही, बिगड़ रहे हैं, अगर इनकी शक्ति अपराध की तरफ बढ़ गई, अपराधी हो गए तो आपकी, आपके परिवार, समाज, जाति-बिरादरी की रक्षा कैसे हो पाएगी?
*अपराध और भ्रष्टाचार अंडा मांस मछली खाने की वजह से बढ़ता है*
शराब अंडा मांस मछली खाने की वजह से विकार पैदा होता है, बुद्धि भ्रष्ट होती है, शरीर में गर्मी आती है, मां बहन बेटी की पहचान खत्म हो जाती है। आदमी की आदत व्यभिचार की बन जाती है।
*विदेशों में बैठे गैंग बनाए हुए अपराध का जो अंजाम दे देते, यही चीज अगर बढ़ गई तो कैसे आपकी रक्षा होगी*
समाचार अखबार में खबरें इस तरह की आ रही है कि विदेशों में बैठे हुए गैंग बनाए हुए अपराध करते हैं, अंजाम दे देते हैं। यही चीज अगर बढ़ गई तो कैसे आपकी रक्षा होगी? नहीं हो सकती है। अपने शरीर, बच्चों, समाज, जाति-बिरादरी, रिश्तेदारों की रक्षा के लिए आप, लोगों में यह कमियां, बुराइयां मत आने दो। विदेश में बैठ करके या जेल में बैठकरके या देश के कहीं कोने में बैठ करके मान लो अपराध करते या कराते हैं, उन तक तो आपकी पहुंच नहीं है। और जाना भी मत उनके पास। लेकिन जो लोग अभी बचे हैं, उसमें शरीक नहीं हुए हैं, आप उनको समझा-बता सकते हो। आज सत्संग के माध्यम से उनको तो मैं समझा रहा, हाथ जोड़ रहा हूं कि भाई, सुधर जाओ। सुधरने का मौका होता है। एक मौका ऐसा होता है जब आदमी के पास नहीं रह जाता है।
*जो बुरे से अच्छा बन जाता है उसकी ज्यादा इज्जत होती है*
मोटे तौर से समझो, जब सरकार ऐलान करती हैं कि सभी नक्सलवादी आतंकवादी हथियार डाल दो सरेंडर कर दो तो इनको काम नौकरी ठेका जगह मिल जाएगी। उस समय मौका रहता है। जो हथियार डाल देते हैं, सरकार इनकी देखरेख करती है। लोग सम्मान इज्जत भी करते हैं। अच्छा तो अच्छा होता ही है लेकिन बुरे से जो अच्छा बन जाता है लोग उसकी ज्यादा इज्जत करते, ज्यादा सम्मान देते हैं। तो मौका होता है। ऐसे लोगों से भी प्रार्थना करता हूं जिनकी आदतें बिगड़ गई हैं, जिनकी दुनिया अलग हो गई है, जो समाज से, बच्चों से अलग हो रहे हैं, हमेशा अपने जान का खतरा समझ रहे हैं, ऐसे लोगों से मैं प्रार्थना, विनती करता हूं कि आप लोग उस दुनिया से अलग हो जाइए, अच्छे समाज से जुड़ जाइए, अच्छे लोगों के साथ हो जाइए। अच्छे बन जाएंगे तो आपका नाम उसी तरह से हो जाएगा जैसे नाम अंगुलमाल डाकू से अलग होकर महात्मा की श्रेणी में आ गया, ऐसे ही आपका नाम हो जाएगा। हम तो यह उनसे प्रार्थना कर रहे हैं। आप अपने-अपने घर, समाज, गांव को देखो, सुधारने की कोशिश करो। सतसंग में लाओ, उससे सुधार आता है।