नीति आयोग के मार्गदर्शन में संचालित परियोजना जीवन के प्रथम 1000 दिवस के अंतर्गत संवेदनशील परवरिश पर आधारित 12 दिवसीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
नीति आयोग के मार्गदर्शन में संचालित परियोजना जीवन के प्रथम 1000 दिवस के अंतर्गत संवेदनशील परवरिश पर आधारित 12 दिवसीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
 
फतेहपुर।मिशन निदेशक नीति आयोग  भारत सरकार  के निर्देशानुसार जनपद में जिला प्रशासन , वैन लीर फाउंडेशन एवं विक्रमशिला एज्युकेशन रिसोर्स सोसाइटी के संयुक्त प्रयास से संचालित परियोजना जीवन के प्रथम 1000 दिवस के अंतर्गत  प्रारंभिक बाल्यावस्था में संवेदनशील परवरिश एवं  सीखने के अवसरों को बढ़ाने हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षकों के 12 दिवसीय  प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन जिलाधिकारी  श्रीमती सी. इंदुमती  के अध्यक्षता में एवं मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना के सह आतिथ्य में संपन्न हुआ।  समापन समारोह के दौरान जिला अधिकारी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया।  उन्होंने प्रशिक्षण में आये प्रतिभागियों से प्रशिक्षण की विषय वस्तुओं पर गहन चर्चा की एवं फीडबैक लिया।  जिलाधिकारी  ने कहा की  सर्वप्रथम किसी भी सीख की शुरुवात घर से ही की जाती है , और इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने परिवार , आस पड़ोस के बच्चों के साथ साझा करने का प्रयास करें।  साथ ही प्रतिभागियों  को संवेदनशील परवरिश के महत्त्व को समझाते  हुए बताया की गर्भावस्था से 2 वर्ष तक की उम्र में बच्चों का 80 प्रतिशत तक मानसिक विकास हो जाता है इस महत्वपूर्ण समय के दौरान गर्भवती माता का प्रथम त्रैमास में ही  शीघ्र पंजीयन ,पोषण आहार  , टीकाकरण,   घर का सकारात्मक माहौल एवं बच्चों के  लिए सिखने के अवसरों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।  हर सेवा प्रदाता के ऊपर यह ज़िम्मेदारी है की सम्पूर्णता अभियान के दौरान समस्त परिक्षेत्रों में मिली सफलता की कहानियों का दस्तावेजीकरण अनिवार्य रूप से किया जावे। 
 मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना द्वारा परियोजना को  समस्त ब्लाकों तक ले जाने के लिए ज़िले में तैयार हुए 185  प्रशिक्षकों को एक बड़ी जिम्मेदारी को सिरोधार्य करने पर प्रशंसा की एवं बधाई दी , साथ ही यह बताया की  प्रत्येक बच्चे के शारीरिक , मानसिक , बौद्धिक विकास के लिए स्वास्थ्य एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग का यह संयुक्त प्रयास है,  जिसमें ज़िले एवं ब्लाक के समस्त शीर्ष अधिकारीयों को  टीम भावना के साथ मिलकर कार्य करना होगा।  उन्होंने  यह भी कहा की जिलाधिकारी महोदया  के द्वारा दिए गए दायित्वों की कसौटी पर खरा उतरने के लिए इस सम्पूर्ण सीख को जमीनी स्तर तक ले जाने की  आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान नीति आयोग भारत सरकार के प्रतिनिधि नीरज सिंह , मुख्य  चिकित्साधिकारी डॉ  इस्तियाक अहमद , जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग साहब यादव , राज्य प्रमुख विक्रमशिला एज्युकेशन रिसोर्स सोसायटी साक्षी पवार , वैन लीर फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग, प्रारम्भिक बाल्य विकास विषय विशेषज्ञ आर्यन कुशवाहा , स्वास्थ्य एवं पोषण विषय विशेषज्ञ सोनल रूबी राय , परियोजना अधिकारी अनामिका पांडेय , प्रशांत पंकज एवं समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारीयों  आदि ने सक्रीय सहभागिता की।
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