सास-बहू व बेटा सम्मेलन में दी गयी परिवार नियोजन की जानकारी, स्थाई व अस्थायी साधनों पर हुई चर्चा
बैलून के माध्यम से किया गया जागरूक
परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल
अशोथर संवाददाता।परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल की गयी है। सास एवं बहू, बेटा के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाई जा रही है। जिले में मिशन परिवार विकास अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत असोथर ब्लॉक के कौंडर गांव में आरोग्य दिवस पर सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें आने वाली सास-बहू की जोड़ियों को परिवार नियोजन के स्थाई तथा अस्थाई साधनों के बारे में जानकारी दी गयी तथा साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। सास-बहू सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सास-बहू के जोड़ियों के साथ खेल खेला गया। जिसमें सास-बहू की जोड़ियों ने काना-फूसी की। इसके माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि काना-फूसी व परिवार नियोजन के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें। बल्कि आशा या एएनएम के द्वारा बताये गये परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करें।
परिवार नियोजन के इन साधनों पर हुई चर्चा
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक मुकेश गुसाई, प्रीति गुप्ता ने बताया परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी गयी । स्थायी साधनों में महिला नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी एवं अस्थायी साधनों में कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होने कहा कि नवीन गर्भनिरोधक ‘अंतरा एवं ‘छाया’ के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है। ‘अंतरा’ गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। साल में इंजेक्शन का चार डोज दिया जाता है। वहीं ‘छाया’ गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टेबलेट है।
बैलून के माध्यम से दिया संदेश
केयर इंडिया के परिवार नियोजन के समन्वयक मुकेश गुसाई, प्रीति गुप्ता ने बताया कि सास-बहू सम्मेलन के दौरान सास और बहू को चार पांच बैलून गोद में दिया जाता है और उसे संभालकर रखने को कहा जाता है। लेकिन चार पांच में से एक-दो बैलून हाथ से छूट कर गिर जाता है। फिर एक जोड़ी सास-बहू को दो बैलून दिया जाता है जिसे वे असानी से पकड़ लेती हैं और नीचे नहीं गिरता है। जिससे यह संदेश दिया जाता है कि अगर ऐसे हीं चार पांच बच्चे होंगे तो संभालना मुश्किल होगा। इससे आर्थिक स्थिति भी खराब होगी। दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इस दौरान चिकित्सा प्रभारी डॉ नीरज गुप्ता, बीसीपीएम धर्मवीर, सीएचओ एकता शर्मा, मुकेश गुसाई, प्रीति गुप्ता, एएनएम बंदना रावत एवं आशा, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहित महिलाएं और नव विवाहित जोड़े मौजूद रहे।
1- प्रधानमन्त्री मात् वन्दना योजना के बारे मे बताया गया।
2- आयुष्मान गोल्डेन।
3- नियमित टीकाकरण।
4- आयुष्मान आरोग्य मन्दिर पर मिलने वाली सुविधा के बारे में बताया गया।
5- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान।
6- टी बी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान।
7- सास बहू और बेटा सम्मेलन के माध्यम से परिवार नियोजन अपनाने के लिए नवविवाहत जोड़ो को प्रेरित किया।