*विष्णु के बाद लक्ष्मी का शव मिलने से सवालों से घिरी हुसैनगंज थाना पुलिस...!*
👉 बीती 13 जून की शाम सकूलपुर गांव से गायब हुए थे प्रेमी युगल
👉 13 जून को ही सकूलपुर गांव में पेड़ पर लटका मिला था विष्णु का फांसी से झूलता शव....!
👉 30 जून की देर रात सैंबसी गांव के जंगल से फांसी पर लटका मिला लक्ष्मी का कंकाल युक्त शव
👉 विष्णु के परिजनों ने हत्या का मुकदमा दर्ज न करने को लेकर हुसैनगंज पुलिस पर लगाए थे गंभीर आरोप..!
👉 परिजनों के कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठने के बाद डीएम के निर्देश पर लिखा गया था विष्णु की हत्या का मुकदमा...!
👉 13 जून को ही गायब हुई थी लक्ष्मी, आखिर गुमशुदगी तक दर्ज न होना खड़ा कर रहा बड़ा सवाल...!
👉 विष्णु-लक्ष्मी ने फांसी लगाकर दी जान या उतारा गया मौत के घाट...?
👉 करीब 17 दिन फांसी पर झूलता रहा लक्ष्मी का शव, कैसे नहीं पड़ी किसी की निगाह..?
*👉 यूपी के फतेहपुर जिले के हुसैनगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत शकूलपुर गांव के प्रेमी युगल का अलग-अलग स्थान से शव बरामद होना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है...! सबसे बड़ी बात तो यह है कि ग्रामीणों के अनुसार 13 जून की शाम प्रेमी युगल गायब हो गए थे और उसी दिन देर शाम विष्णु का शव गांव में स्थित एक पेड़ पर फांसी के फंदे से झूलता हुआ मिला था..! विष्णु के माता-पिता संगीता व आनंदपाल लगातार पुलिस से विष्णु की हत्या किए जाने की आशंका को लेकर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाते रहे, किंतु हुसैनगंज पुलिस मुकदमा दर्ज करने को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं थी..! जिसके बाद परिजनों को एक सैकड़ा के करीब ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन के लिए बैठना पड़ा था। परिजनों के आमरण अनशन पर बैठने के बाद आखिरकार पुलिस प्रशासन की आंख खुली और जिलाधिकारी के निर्देश पर आनन-फानन में विष्णु के पिता आनंदपाल की तहरीर पर दो लोगों के विरुद्ध नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ा था...! आपको यहां पर यह भी बताना जरूरी है कि विष्णु के पिता आनंदपाल के द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में मृतका लक्ष्मी के पिता मुन्ना कोरी व उसके मामा को नामजद अभियुक्त बनाया गया है...! विष्णु के परिजन लगातार जहां एक तरफ पुत्र को न्याय दिलाने के लिए परेशान नजर आए। वही 13 जून की शाम को ही 18 वर्षीय लक्ष्मी देवी पुत्री मुन्ना कोरी भी घर से लापता हो गई थी। लक्ष्मी के पिता के द्वारा हुसैनगंज थाने में पुत्री के गुमशुदा होने की तहरीर तक न दिया जाना बड़ा सवाल खड़ा करता है। दूसरी तरफ जब विष्णु के माता-पिता पुलिस से लगातार प्रेमी युगल को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद के पूरे मामले से अवगत कराते हुए बेटे की हत्या को लेकर कार्यवाही की गुहार लगा रहे थे तो ऐसे में पुलिस द्वारा इस मामले पर गंभीरता न दिखाना भी बड़ी रहस्यमय कहानी की ओर इशारा करता है..! लक्ष्मी-विष्णु की मौत की वजह क्या रही यह तो छानबीन के बाद ही पता चल सकेगा, किंतु पूरे क्षेत्र में आनर किलिंग या फिर बड़ी साजिश (घटना) की आशंका को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है..!* सूत्रों की माने तो लक्ष्मी- विष्णु की मौत के पीछे गहरी साजिश रची गई होगी और इसमें कहीं ना कहीं हुसैनगंज पुलिस की लापरवाही भी शामिल है...! सबसे सोचनीय बात यह है कि अगर प्रेमी युगल ने फांसी लगाकर जान दी है तो दोनों के शव एक ही स्थान से क्यों बरामद नहीं हुए...! विष्णु का शव उसके गांव शकूलपुर से 13 जून एवं लक्ष्मी का शव सैंबसी गांव के जंगल से गायब होने के करीब 17 दिन बाद बरामद होना भी सवाल खड़ा करता है...! *सोचनीय बात यह भी है कि करीब 17 दिन तक अगर लक्ष्मी का शव सैंबसी के जंगल पर एक पेड़ में फांसी से झूलता रहा तो आखिरकार किसी ग्रामीण-राहगीर की निगाह उस पर कैसे नहीं पड़ी...! 17 दिन से टंगा कंकाल युक्त लक्ष्मी के शव की दुर्गंध भी किसी को महसूस नहीं हुई, यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है...! पुलिस को लक्ष्मी की मौत किन कारणों से हुई उसकी वजह तलाशने की जगह अभी-भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है....! प्रेमीयुगल लक्ष्मी-विष्णु ने फांसी लगाकर जान दी या फिर उनकी हत्या की गई..? अब इसका जवाब तो आखिरकार हुसैनगंज पुलिस को खोजना ही पड़ेगा...!*