महोत्सवों पर महाकुंभ... रेती पर तीन अखाड़ों ने बनाए 23 महामंडलेश्वर
महोत्सवों पर महाकुंभ... रेती पर तीन अखाड़ों ने बनाए 23 महामंडलेश्वर


न्यूज।महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबे का कहना था कि महिलाओं के सनातन धर्म में आने से जहां सननातन के प्रचार- प्रसार को गति मिलेगी, वहीं दूसरी ओर महिलाएं शास्त्र को पढ़कर परिवार, समाज और देश को नई दिशा देंगी।
संगम की रेती पर बृहस्पतिवार को तीन अखाड़ों में दो महिलाओं समेत 23 महामंडलेश्वर बनाए गए। जूना अखाड़े में गुजरात के प्रसिद्ध नाना भाई भरवार समाज के रामानंद गिरि उर्फ रामबाबूको महामंडलेश्वर बनाया गया। गर्गाचार्य मुचकुंद पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि ने गुजरात की मनीषा नंद गिरि और स्नेहानंद गिरि को महामंडलेश्वर बनाया। यह दोनों महिलाएं 20 वर्ष से संन्यासिनी बनकर रह रही थीं।
दोनों महिलाएं जूना अखाड़ा की महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबा गिरि की प्रेरणा से संन्यास में आईं। महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक सेक्टर - 16 स्थित गर्गाचार्य शिविर में हुआ। इस दौरान श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि,जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि,जगद्गुरु गर्गाचार्य महेंद्रानंद गिरि,महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबे समेत कई संत मौजूद थे।
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