*बाबा जी से फोन का रिश्ता आखिर क्या कहलाता है!... मोबाइल को लेकर नागा संन्यासियों के अपने-अपने तर्क*
महाकुंभ में आए नागा संन्यासियों के मोबाइल को लेकर अपने- अपने तर्क हैं। किसी ने कहा कि मोबाइल सांसारिक मोहमाया की वस्तु नहीं है। किसी ने कहा कि इसके द्वारा हम अपने साधु परिवार से संपर्क करते हैं।
घर छूटा। परिवार छूटा। धन-दौलत छोड़ी। वस्त्र भी छोड़ा। लेकिन मोबाइल नहीं त्याग पाए। महाकुंभ में आए नागा-संन्यासी मोबाइल पर बात करते दिख जाएंगे। महाकुंभ में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र अखाड़े और उनमें आए नागा संन्यासी हैं।
इन्हें देखने और उनके बारे में जानने के लिए लोग उत्सुक भी रहते हैं। इस बारे में जब उनसे बात की गई तो सबके अपने- अपने तर्क थे। किसी ने कहा कि मोबाइल सांसारिक मोहमाया की वस्तु नहीं है। किसी ने कहा कि इसके द्वारा हम अपने साधु परिवार से संपर्क करते हैं। एक संन्यासी ने तो कहा कि इससे हम अपने भक्तों की समस्या सुनकर उनका समाधान करते हैं।
पंच दशनाम आवाहन आखाड़ा के नागा संन्यासी आनंद गिरि कहते हैं कि फोन का इस्तेमाल जरुरी है। इससे हम अपने साधु परिवार के संपर्क में रहते हैं। यदि गुरु जी के पास जाना संभव नहीं हुआ या गुरु जी कोई संदेश देते हैं तो फोन की मदद से संपर्क हो जाता है।