महाकुंभ का पहला स्नान, संगम तट पर उमड़ा
*महाकुंभ का पहला स्नान, संगम तट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, 60 लाख लोगों ने लगाई डुबकी*
विचारों, मतों, संस्कृतियों, परंपराओं स्वरूपों का गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर महामिलन 45 दिन तक चलेगा। पौष पूर्णिमा के प्रथम दिन करीब 60 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। 
पौष पूर्णिमा पर अपने गहन आध्यात्मिक अनुशासन के लिए जाने जाने वाले कल्पवासियों ने 'मोक्षदायिनी' संगम में पवित्र डुबकी लगाई और अपने 45 दिवसीय आध्यात्मिक एकांतवास की शुरुआत की। कल्पवासी महाकुंभ अवधि के दौरान ब्रह्मचर्य, न्यूनतम जीवन और नियमित प्रार्थना की सख्त प्रतिज्ञा का पालन करते हैं। उन्होंने न केवल अपनी व्यक्तिगत आध्यात्मिक उन्नति के लिए बल्कि मानवता के कल्याण के लिए भी प्रार्थना की।
भव्य महाकुंभ 2025 आस्था, भक्ति और आध्यात्मिक एकता के जबरदस्त प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ, जिसने 144 वर्षों में एक बार देखी गई आध्यात्मिक भव्यता की याद दिला दी। अटूट विश्वास, गहरी भक्ति, खुशी और भावनात्मक उत्साह से भरी विशाल मंडली ने इस पवित्र कार्यक्रम को आध्यात्मिकता और मानवीय संबंध के वैश्विक संगम में बदल दिया।
प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती नदियों के पवित्र संगम पर स्नान करने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु एकत्र हुए हैं। पहला प्रमुख शाही स्नान या अमृत स्नान मंगलवार को मकर संक्रांति के दौरान होगा।
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