छठवें दिन श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण की लीलाओं का हुआ वर्णन
फतेहपुर।परमात्मा तो सिर्फ प्रेम का भूखा है। जिस तरह एक भक्त भगवान की प्राप्ति के लिये आतुर होता है, उससे कहीं ज्यादा भगवान अपने भक्त को अंगीकार करने को व्याकुल रहते हैं। लेकिन मय हो जाने पर वे भक्त से भी किनारा कर लेते हैं।शहर के शांती नगर स्थित श्रीबाँके बिहारी मन्दिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के छठवें दिन कथावाचक स्वामी नित्यानंद जी महाराज ने कहा कि महारास में तल्लीन गोपिकाओं के मन में एक बार यह विचार आया कि सृष्टि के उस पालनहार को अपने वह अपने इशारों पर नचा रही हैं। इस पर श्रीकृष्ण उनकी आंखों से लुप्त हो गए। गोपिकाओं को अपनी गलती का आभास हुआ। प्रभु को याद किया और अपने इस अपराध के लिये छमा याचना की। भगवान पुनः उसी रूप में आ गे। इसी तरह त्रेता में लक्ष्मण के शक्ति बान लग जाने पर वीर हनुमान को हिमालय से संजीवनी लाने का दायित्व सौंपा गया। संजीवनी लेकर वापस लौटते समय उनके मन में अभिमान आ गया कि उनके द्वारा लाई गई संजीवनी से लक्ष्मण के प्राण बच पाएंगे यह विचार मन आते ही उनके पैर में भरत का बिन फर वाला बान लगा। पश्चाताप के बाद ही वह इस दुर्गम कार्य को संपादित करने में सफल हो पाए। कथाचचक ने रुक्मणी विवाह की सुंदर कथा काश विस्तार वर्णन किया। रविवार को सुदामा चरित्र की कथा सुनाई जाएगी। सोमवार को मंदिर प्रांगण में सप्ताहांत अंतिम दिवस पूर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण के साथ ही आचार्यकुलम संस्थान आयोजन समिति के सानिध्य में विद्वान आचार्यगणों के द्वारा यज्ञोपवीत संस्कार का भी का भी आयोजन होगा। इस अवसर पर बिंदकी विधानसभा के नि विधायक मान नीय करणसिंह पटेल पूर्व जिल ध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी वरिषृठ साहित्यकार चन्द्रकुमार पांडेय श्रवण कुमार पान्डेय प्रमोद शुक्ल एडवोकेट परदीप तिवारी आदि ने रुकमिणी विवाह की झांकी भी अंजू त्रिपाठी ने प्रस्तुत की रमानाथ दिवेदी गया प्रसाद मिश्र आदि सैकडो भक्तों ने कथामृत पान किया आचार्य कुलम द्वारा मंच पर जनपद के यशस्वी नेता संतोष द्विवेदी वरिष्ठ कवि महेशचंद्र व पत्रकार रमेश मोहन शुक्ल का अंगवस्त्र भेंटकर सम्मान किया गया। इसके बाद जनपद के साहित्यकार एवं कवियों ने संयुक्त रूप से आचार्य कुलम के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य विनोद शुक्ल का जन जागरण कार्यक्रम का मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक विस्तार करने के लिए प्रशंसा की। माल्यार्पण के साथ शॉल ओढ़ाया और पुस्तिका प्रदान की।