कमीशन बाजी के चलते आशा बहूये गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में ले जाकर प्राइवेट अस्पतालों में कराती हैं भर्ती
फतेहपुर।आशा बहुओं का बोलबाला गर्भवती महिलाओं को ज्यादातर सरकारी अस्पताल में न ले जाकर आशा बहू ले जाती हैं प्राइवेट नर्सिंग होम में यह काम बहुत धड़ल्ले से चल रहा है हर जगह का नियम है आशा बहू कमीशन के चक्कर में प्राइवेट अस्पताल में मरीज को पहुंचाती हैं ताकि उनको प्राइवेट अस्पताल वाले कमीशन देते हैं अगर चाहे तो वही काम सरकारी अस्पताल में हो सकता है लेकिन वहां सब की मिलीभगत से आशा बहू हॉस्पिटल तो ले जाती हैं सरकारी में लेकिन 2 घंटे बाद इधर-उधर कुछ ना कुछ गंभीर हालत बताकर प्राइवेट नर्सिंग होम जरूर पहुंचा देती हैं क्योंकि उनका जो कमीशन बंधा हुआ है वह प्राइवेट नर्सिंग होम वाले तुरंत दे देते हैं इस वजह से सरकारी अस्पताल में ना रोककर प्राइवेट अस्पताल वालों को बढ़ावा दे रही हैं क्योंकि सरकारी अस्पताल में जो सरकार पैसा देती है उसमें उनको एक डिलीवरी केस में छह-सात सौ रुपए ही मिलता है अगर वही केस प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाएंगे तो उनको कमीशन 30 40 परसेंट मिलेगा उसमें से उनका अच्छा काम चलेगा इस वजह से आशा बहू मरीज को भी बिजनेस बना कर रखी है बहुत ऐसे गरीब लोग हैं जो कि सरकारी अस्पताल में चाहते हैं कि हमारा केस नॉर्मल हो जाएगा लेकिन उनको आशा बहुएं इतना डरा देती है की मजबूरी में उनको प्राइवेट अस्पताल ले जाना पड़ता है कम से कम 40 परसेंट आशा बहू प्राइवेट अस्पताल भेजती है।