इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- आपराधिक मुकदमे में लिप्त होमगार्ड को नोटिस देकर बर्खास्तगी सही
(न्यूज़)।इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि होमगार्ड कानून व्यवस्था कायम रखने में पुलिस का सहयोग करने के लिए हैं। यदि वे स्वयं ही अपराध करें तो सेवा में बने रहने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि होमगार्ड कानून के तहत कदाचार की दशा में विभागीय जांच कराने का उपबंध नहीं है। शासनादेश से सुनवाई का मौका देने की व्यवस्था की गयी है। ऐसे में आपराधिक मुकदमे में लिप्त होमगार्ड को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब सुनने के बाद बर्खास्तगी विधि विरुद्ध नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने सोनभद्र के हृदय नारायण यादव व अन्य की याचिका पर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि होमगार्ड की सेवा अन्य सेवाओं के भिन्न है। एक स्टैंडर्ड रखना होगा। आपराधिक मुकदमे में बरी होने के बाद ही सेवा में लिया जा सकता है। कोर्ट ने आपराधिक मुकदमे में लिप्त याची होमगार्डों की बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।