पीएम किसान योजना को लेकर बहुत महत्वपूर्ण खबर ताजा
न्यूज़।सरकार इस योजना का दायरा बढ़ाने वाली है। जो किसान इस योजना का लगातार लाभ लेते आ रहे हैं, उन्हें अब किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए जाने की तैयारी है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो यह जल्द ही यह योजना धरातल पर होगी। इससे ना केवल किसानों को खेती में आसानी होगी, बल्कि उन्हें सरल शर्तों एवं रियायती दरों पर लोन भी मिल सकेगा। सरकार के इस फैसले से देश के लाखों किसानों को सीधा फायदा होगा। आगामी बजट में सरकार अनिवार्य रूप से एक तय समय में पीएम किसान में शामिल सभी किसानों को केसीसी देने की घोषणा कर सकती है।केसीसी के तहत कृषि एवं इनसे जुड़े कार्यों पर मिलने वाले तीन लाख रुपये तक के कर्ज पर ब्याज दर में दो फीसद की छूट मिलती है। केसीसी की सुविधा से इन किसानों को भी कृषि कार्य से जुड़े कर्ज आसानी से कम ब्याज दर पर मिलने लगेंगे। समय पर कर्ज का भुगतान करने पर ब्याज दरों में अतिरिक्त छूट का भी प्रविधान है। वर्तमान में पीएम-किसान से 11.5 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं, लेकिन देश में केसीसी की सुविधा 6.5 करोड़ किसान के पास हैं। किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए सरकार पीएम किसान योजना के सभी लाभार्थियों को निर्धारित समय में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने की घोषणा कर सकती है। मंत्रालय सू्त्रों के मुताबिक बचे हुए 4.5 करोड़ किसानों के पास काफी कम जमीन है। दूसरों की जमीन पर खेती कर गुजारा करने वाले इन किसानों के पास कोई क्रेडिट रिकार्ड नहीं हैं। किसानों को सस्ती दरों पर एक लाख रुपये तक के कर्ज देने की व्यवस्था हो सकती है। सरकार ने वर्ष वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
पीएम किसान स्कीम के तहत सरकार किसानों के खाते में सीधे तौर पर पैसे देती है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक उनका सारा रिकॉर्ड सरकार के पास पहले से उपलब्ध होने की वजह से बैंकों को इन सभी किसानों को केसीसी देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हालांकि पिछले साल भी बैंकों को पीएम-किसान से जुड़े सभी किसानों को केसीसी की सुविधा देने का निर्देश वित्त मंत्रालय की तरफ से दिया गया था। लेकिन सभी किसानों को यह सुविधा नहीं मिल सकी। सूत्रों के मुताबिक सरकार बजट में इन छोटे व सीमांत किसानों को कृषि के अतिरिक्त अन्य प्रकार के कार्य में मदद के लिए भी फंड की घोषणा कर सकती है।
क्या है किसान क्रेडिट कार्ड योजना
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना अगस्त 1998 में भारतीय बैंकों द्वारा शुरू की गई एक क्रेडिट योजना है। इस मॉडल योजना को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा कृषि जरूरतों के लिए ऋण प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके कृषि क्षेत्र की व्यापक ऋण आवश्यकताओं और मत्स्य पालन और पशुपालन को पूरा करना है। मृत्यु और स्थायी विकलांगता के लिए केसीसी क्रेडिट धारकों के लिए बीमा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के तहत 50,000 तक कवर किया जाता है, और अन्य जोखिमों के लिए। इसका प्रीमियम बैंक और उधारकर्ता दोनों द्वारा 2: 1. के अनुपात में वहन किया जाता है। इसकी वैधता अवधि पांच वर्ष है, जिसमें इसे तीन और वर्षों तक बढ़ाने का विकल्प है। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) किसानों को दो प्रकार से ऋण प्रदान करता है, 1. नकद ऋण 2. सावधि ऋण (पंप सेट, भूमि विकास, वृक्षारोपण, ड्रिप सिंचाई जैसी संबद्ध गतिविधियों के लिए)। योजना में भाग लेने वाले संस्थानों में सभी वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और राज्य सहकारी बैंक शामिल हैं। योजना में फसलों के लिए अल्पकालिक ऋण सीमा और ऋण की सीमा है।