सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजी संपत्ति या गुलाम नहीं है पत्नी, साथ रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजी संपत्ति या गुलाम नहीं है पत्नी, साथ रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता



न्यूज़।सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान एक बार फिर दोहराया है कि पत्नी पति की निजी संपत्ति नहीं होती है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी के साथ जोर-जबरदस्ती कर पति के साथ रहने के लिए नहीं कहा जा सकता है। दरअसल, एक शख्स ने याचिका दायर की थी कि कोर्ट उसकी पत्नी को ये आदेश दे कि वो उसके साथ रहने लगे।इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायामूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि आपको क्या लगता है? क्या महिला किसी की गुलाम है जो हम ऐसा आदेश पारित करें? क्या पत्नी आपकी निजी संपत्ति है जो उसे आपके साथ जाने का निर्देश दिया जा सकता है।

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