प्रख्यात कवियों ने प्रेम रस हास्य रस वीर रस तथा देश प्रेम की कविताओं को सुनाकर खूब बटोरी तालियां

 प्रख्यात कवियों ने प्रेम रस हास्य रस वीर रस तथा देश प्रेम की कविताओं को सुनाकर खूब बटोरी तालियां


----- राष्ट्रकवि पंडित सोहनलाल द्विवेदी की जयंती पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

गिरिराज शुक्ला

बिंदकी फतेहपुर,राष्ट्रकवि पदम श्री से विभूषित पंडित सोहनलाल द्विवेदी की 116 जयंती के मौके पर एक काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मौजूद कवियों ने वीर रस प्रेम रस हास्य रस तथा देश प्रेम से ओतप्रोत कविताएं सुनाकर खूब तालियां बटोरी कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा

          नगर के रामलीला मैदान में राष्ट्रकवि पदम श्री विभूषित पंडित सोहनलाल द्विवेदी की 116 जयंती के मौके पर उनकी प्रतिमा पर  बिंदकी क्षेत्र की विधायक करण सिंह पटेल  तथा उप जिलाधिकारी प्रियंका  समाजसेवी लोकनाथ पांडे भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के  जिला अध्यक्ष  आदि ने  माल्यार्पण किया विधायक करण सिंह पटेल अधिशासी अधिकारी निरूपमा प्रताप चेयरमैन मुन्ना लाल सोनकर ने दीप प्रज्वलन कर काव्य सम्मेलन का शुभारंभ किया इस काव्य सम्मेलन में दूरदराज से आए प्रख्यात कवियों ने प्रेम रस हास्य रस वीर रस तथा देश प्रेम से ओतप्रोत कविताएं सुनाकर खूब तालियां बटोरी कवि अंसार कंबरी ने पढ़ा गीत जहां हो संगीत वहां हो कामकला की रीत जहां हो मानवता की प्रीति जहां हो। इसी क्रम में उन्होंने राम के चृत पर वर्णन करते हुए करता पड़ी चाहे वह आशीष दे चाहे मारे बाण रघुनंदन के हाथ से होता सब का कल्याण घर बैठे मिल जाए चारों धाम कागज में लिख ले सीताराम वही कवि आनंद प्रकाश ने पढ़ा कि जब एक युवक सेना में भर्ती होने के बाद अपने देश की रक्षा करते करते शहीद हो रहा बेटा अपने पिता से कहता है अब तो पूरा जीवन पिता मुझे माफ कर देना अगले जन्म में मुझे फिर बेटा बना लेना और मां से कहता है माना मां मैं तेरा ऋणी रह गया पर मैंने एक फर्ज निभा दिया। कभी अबोध ने हास्य कविताएं पढ़ते हुए कहा फोन में पैसा कम मिस्ड कॉल जरूरी नए नए फैशन में भौकाल जरूरी और नागिन नाच में रुमाल जरूरी है। इस मौके पर अन्य प्रख्यात कवि नाथू राम पति मनीष मीत अंसार कंबरी आकांक्षा द्विवेदी कमलेश कुमार शुक्ला कमल नरेंद्रानंद स्वयं श्रीवास्तव मृत्युंजय पांडे कविता सुना कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और खूब तालियां बटोरी।

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