धरती के दूसरे भगवान ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बताया निराधार
पहले अपमान फिर सेटिंग फिर हुआ सम्मान
न्यूज ऑफ फतेहपुर
फतेहपुर।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां कोविड-19 के दौरान डॉक्टरों को धरती का दूसरा भगवान कहने से कहीं पीछे नहीं हट रहे हैं ।और कोविड-19 के दौरान धरती के दूसरे भगवान ने अपने घर -परिवार के बच्चों को त्याग कर मरीजों की हर संभव मदद और उपचार करने में जी जान लगा दिया। वही कई ऐसे डाक्टर हैं ।जिन्होंने अपनी जिंदगी तक मरीजों के प्रति निछावर कर दी और अपने परिवार के बच्चों को छोड़कर दुनिया से अलविदा कहना पड़ा ।
जनपद फतेहपुर में धरती के दूसरे भगवान के ऊपर नगर पालि
का अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रजा ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में पहुंचकर हंगामा किया ।और डॉ रवि आनंद के ऊपर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया। वही ड्यूटी पर तैनात चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के साथ मारपीट भी किया ।वही समस्त डॉक्टरों ने जिला अधिकारी के चौखट में जाकर। जिला अधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग किया था।वहीं जिला अधिकारी अपूर्व दुबे उप जिला अधिकारी को जांच सौंप दिया गया है। मामले को निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए थे । वही 8 मार्च को उप जिला अधिकारी के चौखट में पहुंचकर धरती के दूसरे भगवान को भी सफाई देना पड़ा ।सर्जन डॉ रवि आनंद उप जिला अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत हुए। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर रिश्वत मांगने का आरोप पूरी तरीके निराधार है ।जिस मरीज के कारण इतना हंगामा हुआ। उस मरीज को डॉक्टर के देखने के बाद ऑपरेशन की अगली तारीख दी गई थी वही डॉ ने बताया कि जिस दिन नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि ने ऑपरेशन थिएटर में आकर हंगामा किया उस तारीख को मरीज को ऑपरेशन करने की तारीख ही नहीं दी गई थी ।बल्कि उसे अगले सप्ताह की तारीख दी गई थी परंतु नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि की दबंगई के कारण उन्होंने डॉक्टर के ऊपर उसी तारीख को मरीज मुमताज के ऑपरेशन का दबाव बनाया था। बल्कि सप्ताह में 2 दिन सर्जन डॉक्टर रवि आनंद के ऑपरेशन करने का दिन होता है ।और मरीजों की संख्या ज्यादा होती है। जिस कारण मरीज मुमताज को अगले सप्ताह की तारीख दी गई थी ।परंतु नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि ने अपनी दबंगई व अपने गुर्गों के साथ ऑपरेशन थिएटर के अंदर पहुंचकर हंगामा काटते हुए डॉक्टर के ऊपर रिश्वत लेने का आरोप मढ़ दिया। हालांकि डॉक्टर का कहना है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि निष्पक्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी को सजा दी जाएगी यह तो बात रही जिला अस्पताल की !
वही विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि ने ऐसा ही एक हंगामा अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण प्रथम के यहां पहुंचकर अधिशासी अभियंता रामसनेही यादव को अपमानित करते हुए अपशब्दों का प्रयोग किया और उन्हें भला बुरा कहते हुए उनके ऊपर भी काम करने का दबाव बनाया था। परंतु सरकारी कर्मचारी होने के नाते अधिशासी अभियंता ने पूर्व में रहे समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष की चौखट में जाकर नतमस्तक हो गए और पूर्व जिला अध्यक्ष ने नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि के साथ एक गुप्त मीटिंग के माध्यम से उनका समाधान करवाया और बाद में जाकर वही नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि ने विद्युत वितरण खंड प्रथम में अधिशासी अभियंता को साल भेंट कर फोटो वायरल की ताकि लोगों को ऐसा ना लग सके कि पूर्व में विद्युत वितरण खंड प्रथम में भी कोई नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि द्वारा हंगामा किया गया है लोगों की नजरों में अधिशासी अभियंता को सम्मानित करते हुए फोटो वायरल की गई ताकि समाज में उनका भी वर्चस्व कायम रहे। और नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि की दबंगई के बल पर सारे कार्य होते रहे हालांकि जानकारी देने वाले ने अपना नाम गुप्त रखने की बात कही है ।उसे डर है कि जब पूरे जिले में समाजवादी पार्टी का सिंबल लेकर नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि अपनी दबंगई दिखा सकते हैं तो जानकारी देने वाले को तो वह कुछ भी कर सकते हैं ।