खेल की उपयोगिता

 " खेल की उपयोगिता


"

सदा खेल से पुलकित हो मन, 

खेल से  ही होता पुष्टित तन l

खेल से जीवन- खेल को समझो, 

खेल से ही मिलता स्वास्थ्य-धन l

खेल ने हमको सदा सिखाया, 

मन प्रमुदित औ छरहर काया l

खेल से ही हम नित -नित सीखे, 

हार ,  जीत  में   कैसे    बदले l

खेल से ही हम सीखे हरदम, 

कभी किसी को चोट न दें हम l

मिलकर  ही  हमको  है  रहना, 

कुछ भी हो पर सब कुछ सहना l

दुश्मन  नहीं  दोस्त बनकर के, 

खेल- खेल  में  खेल   खेलना l

जीवन की अनंत अभिलाषा, 

खेल से ही है जीवन -आशा l

खेल ने हमको सदा सिखाया, 

मन प्रमुदित औ छरहर काया l

टीम  भावना   सदा  ही  रखना, 

कभी किसी का अहित न करना l

खेल- खेल से खेल ही खेलो, 

जीवन की हर विपदा झेलो l

खेल में भी जो चोट हैं दे जन, 

उनका कलुषित होता है मन l

खेल ने हँसना- रोना सिखाया, 

पुलकित नयन ह्रदय हर्षाया l

खेल ने हमको सदा सिखाया, 

मन प्रमुदित औ छरहर काया l


रश्मि पाण्डेय ARP मलवां बिंदकी, फतेहपुर

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