बुन्देलखण्ड राष्ट्र समिति एक नवंबर को प्रधानमंत्री के नाम खून से खत लिखकर मनाएगी काला दिवस

 बुन्देलखण्ड राष्ट्र समिति  एक नवंबर को प्रधानमंत्री के नाम खून से खत लिखकर मनाएगी काला दिवस


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नेहरू सरकार ने 1 नवंबर 1956 को बुंदेलखंड को भारत के नक्शे से मिटा दिया था - प्रवीण पाण्डेय


23वी बार खून से पत्र लिख बुंदेलखंड राज्य की करेंगे मांग

 


फतेहपुर।पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को अपने खून से खत लिख चुके बुन्देलखण्ड राष्ट्र समिति  के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ने आज ऐलान किया कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खून से खत लिखकर एक नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाएंगे और उनसे बुंदेलखंड राज्य बनाकर उस ऐतिहासिक भूल को सुधारने की अपील करेंगे जिसके तहत आज ही के दिन बुंदेलखंड के दो टुकड़े करके उसके वजूद को खत्म करने की कोशिश की गयी. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवकों द्वारा  एक नवंबर को अमर शहीद दरियाव सिंह स्मारक खागा में काले कपड़े पहनकर धरना देंगे और अपने खून से खत लिखेंगे. बीआरएस के केन्द्रीय अध्यक्ष  इं प्रवीण पांडेय ने बताया कि 1947 में जब देश आजाद हुआ, तब बुंदेलखंड राज्य था और नौगांव इसकी राजधानी थी चरखारी के कामता प्रसाद सक्सेना बुंदेलखंड राज्य के मुख्यमंत्री थे लेकिन 12 मार्च, 1948 को बुंदेलखंड का नाम बदलकर विन्ध्य प्रदेश कर दिया गया और इसमें बघेलखंड को जोड़ दिया गया. एक नवंबर, 1956 बुंदेलखंड के इतिहास का वो काला दिल है जब बुंदेलखंड के दो टुकड़े कर उसको भारत के मानचित्र से पूरी तरह मिटा दिया गया. आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश और आधा हिस्सा मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया था. तभी से बुंदेलखंड दो बड़े राज्यों के बीच पिस रहा है तत्कालीन नेहरू सरकार ने प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग के सदस्य सरदार के एम पणिक्कर की बुंदेलखंड राज्य बनाए रखने की सिफारिश को दरकिनार करते हुए यह फैसला लिया था. आयोग ने 30 दिसंबर, 1955 को जो रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंपी थी, उसमें 16 राज्य और 3 केन्द्र शासित प्रदेश बनाने की सिफारिश की थी जिसमें थोड़ा बदलाव करके नेहरू सरकार ने 14 राज्य व 6 केन्द्र शासित प्रदेश बना दिए. अगर उस समय  बुंदेलखंड के सांसद, विधायक सरकार के इस फैसले का विरोध कर देते तो आज हम लोग देश के सबसे पिछड़े इलाके में न गिने जाते. इं प्रवीण पाण्डेय ने कहा कि आजादी के बाद बुंदेलखंड के साथ लगातार भेदभाव होता रहा. हम लोग एक नवंबर को खून से खत लिख कर पीएम मोदी को 65 साल पहले बुंदेलखंड के साथ हुए अन्याय से अवगत कराना चाहते हैं और उनसे अपील करना चाहते हैं कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर राज्य से धारा 370 हटाकर एक ऐतिहासिक भूल सुधारी है, वैसे ही वे खंड खंड बुंदेलखंड को एक कर इस ऐतिहासिक भूल को भी सुधारें l चित्रकूट , फतेहपुर , बांदा , महोबा , हमीरपुर ,झांसी , जालौन , ललितपुर , निवाड़ी , सागर ,में भी समिति के द्वारा एक नवंबर को  काला  दिवस मनाया जायेगा।

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