दिवारी नृत्य, बुन्देलखण्ड का लोकप्रिय नृत्य है जनपद में जगह-जगह आयोजित हो रहे दिवारी नृत्य करतब दिखाते लोग
संवाददाता बाँदा :- आपको बता दो जनपद बांदा के रहोनिया खुटला चौराहा आयोजित हुआ दिवारी नृत्य देखने को उमड़ी भारी भीड़
दीपावली के समीप आते हैं जनपद बांदा का लोकप्रिय नृत दीवारी का जगह-जगह आयोजन होता है इसमें नृत्य के साथ कलाकार करतब दिखाते हैं और अपने बुंदेलखंड की पहचान कहे जाने वाले दिवारी नृत्य लोगों को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है
दिवारी नृत्य बुन्देलखण्ड में 'दीपावली' के अवसर पर किया जाता है। गांव के निवासी, विशेषतः अहीर ग्वाले लोग इस नृत्य में भाग लेते हैं। 'दिवारी' नामक लोक गीत के बाद नाचे जाने के कारण ही इसे 'दिवारी नृत्य' कहा जाता है। ढोल-नगाड़े की टंकार के साथ पैरों में घुंघरू, कमर में पट्टा और हाथों में लाठियां ले बुन्देले जब इशारा होते ही जोशीले अंदाज़में एक-दूसरे पर लाठी से प्रहार करते हैं, तो यह नज़ारा देख लोगों का दिल दहल जाता है। इस हैरतंगेज कारनामे को देखने के लिए लोगों का भारी हुजूम उमड़ता है। सभी को आश्चर्य होता है कि ताबड़तोड़ लाठियां बरसने के बाद भी किसी को तनिक भी चोट नहीं आती। बुन्देलखंड की यह अनूठी लोक विधा 'मार्शल आर्ट' से किसी मायने में कम नहीं है