ओमिक्रॉन वैरिएंट: कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों के लिए बन सकता है बड़ा खतरा, WHO ने कहा- 'टीकाकरण रोक सकता है म्यूटेशन
न्यूज़।विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक जो नतीजे आए हैं, वह युवाओं पर किए गए शोध के आधार पर हैं, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। इसलिए नए वैरिएंट के खतरे का ठीक-ठीक पता लगाने में अभी कुछ सप्ताह का समय लगेगा।ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट कितना संक्रामक और खतरनाक है। न ही यह पता चल पाया है कि इसके लक्षण अभी तक मिले वैरिएंट से कितने अलग हैं या नहीं हैं। इसलिए, इस वैरिएंट के संभावित खतरे को लेकर एहतियात बरतने की जरूरत तो है, लेकिन घबराने की नहीं। वैश्विक संस्था के वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया के तमाम देश ओमिक्रॉन पर शोध कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ भी उनके साथ मिलकर काम कर रहा है। इन अध्ययनों को पूरा होने में कुछ सप्ताह का समय लेगा। इसलिए जब तक सभी चीजें स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि यह नया वैरिएंट कितना ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि तमाम विश्वविद्यालयों में किए गए प्रारंभिक शोध युवाओं पर किए गए हैं। युवाओं में पहले से ही अधिक गंभीर बीमारी नहीं होती है, इसलिए इस पर विस्तृत रिपोर्ट आने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन यह पता लगाना बाकी है कि इसका कारण ओमिक्रॉन ही है या फिर अन्य।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का कहना है कि हम पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने में जितना ज्यादा समय लगाएंगे, वायरस उतनी तेजी से म्यूटेट होगा और तेजी से फैलेगा। इसलिए वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि सभी को दोनों खुराक लगाई जाएं।