ई-संजीवनी एप से लाभान्वित हो रहे हैं लोग, मंडल के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों से आ रहीं कॉल

 ई-संजीवनी एप से लाभान्वित हो रहे हैं लोग, मंडल के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों से आ रहीं कॉल


 

बाँदा संवाददाता।मंडल स्तर पर बांदा जिला अस्पताल बना सेंटर  6 दिन में 15 मरीजों ने लिया सुविधा का फायदा  मंडल के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों से आ रहीं कॉल

वैश्विक महामारी के दौर में अस्पतालों में भीड़ को कम करने और लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवा देने के लिए ई- संजीवनी एप सुविधा शुरू की गई है। इससे मंडल ही नहीं बल्कि प्रदेश के किसी भी जनपद से मरीज फोन कर चिकित्सीय सलाह ले सकते हैं। मंडल स्तर पर बांदा जिला अस्पताल इसका सेंटर बनाया गया है। छह दिन में 15 मरीजों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा के अलावा बुलंदशहर, मेरठ, बलिया इत्यादि जनपदों के मरीजों ने सुविधा का लाभ उठाया है। 

कोरोना काल में अस्पताल में भीड़ कम करने के मद्देनजर ई-संजीवनी एप बहुत ही मददगार है। लोग घर बैठे ही आनलाइन ओपीडी का लाभ ले रहे हैं। इस एप के प्रति जागरूकता के लिए कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर के माध्यम से सेवा दी जा रही है। मंडलीय परियोजना प्रबंधक आलोक कुमार ने बताया कि मंडल में बांदा में 94 सीएचओ, चित्रकूट में 93, हमीरपुर में 71 और महोबा में 42 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सीएचओ की तैनाती हो चुकी हैं। सीएचओ के माध्यम से यहां आने वाले मरीजों को एप से वीडियो काल के जरिए परामर्श दिलवाया जा रहा है। 

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एसएन मिश्रा ने बताया कि नवर्निमित मंडलीय अस्पताल में यह सेवा शुरू की गई है। ई-संजीवनी की ओपीडी में स्त्री एवं प्रसूति रोग, ह्रदय रोग, सर्जरी, मनोचिकित्सा, त्वचा रोग, हड्डी एवं जोड़, नेत्र व दंत, नाक-कान एवं गला के साथ ही अन्य रोग के विशेषज्ञों से परामर्श की सुविधा उपलब्ध है। डाक्टर से वीडियो के जरिए अपने रोग की जानकारी देंगे। डाक्टर दवा भी मेसेज के जरिए लिखकर देंगे। यह प्रक्रिया ऑटो कनेक्टेड होती है।

ऐसे ले सकते हैं ई-संजीवनी का लाभ 

ई-संजीवनी कक्ष हेल्प डेस्क मैनेजर लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि गूगल प्ले स्टोर पर जाकर ई-संजीवनी एप इनस्टाल किया जा सकता है। अथवा वेबसाइट पर जाकर अपना मोबाइल नंबर डाल सकते हैं। मोबाइल नंबर सत्यापित करने व पंजीकरण के बाद विशेषज्ञों सेवाओं के लिए टोकन बनाएं। सूचना मिलने पर लागिन करें। यह पूरी प्रक्रिया वीडियो कॉल के माध्यम से होती है। मरीज और चिकित्सक के बीच वर्चुअल समन्वय स्थापित होता है। ई संजीवनी का समय सोमवार से शनिवार सुबह 8 से शाम 4 बजे तक है। इस ओपीडी में मरीज सिर्फ जनपद के ही नहीं, पूरे राज्य के किसी भी डॉक्टर से परामर्श ले सकता है।

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