राजकीय महिला स्नातकोत्तर विद्यालय बिंदकी में दो दिवसीय सेमिनार का हुआ शुभारंभ

 राजकीय महिला स्नातकोत्तर विद्यालय बिंदकी में दो दिवसीय सेमिनार का हुआ शुभारंभ




बिंदकी फतेहपुर।राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिन्दकी फतेहपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी विषय भारत में उच्च शिक्षा एवं आनलाइन शिक्षण अधिगम  विषयक सेमीनार का शुभारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 अवधेश कुमार शुक्ल, एवं अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा दीप प्रज्ज्वलन तथा माल्यार्पण कर किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अवधेश कुमार शुक्ल ने विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों से आये सभी विद्वानजनों का अध्यक्षीय भाषण में स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में आॅनलाइन शिक्षण अद्यिगम समय की मांग है तथा सरकार द्वारा भी इस अद्यिगम को प्रभावी बनाने हेतु सतत् प्रयास जारी है। मुख्य अतिथि प्रो0 प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि कोविड-19 के समय शिक्षा व्यवस्था में आॅनलाइन शिक्षण आपदा एक अवसर के रूप में बदल गयी। वर्तमान में संकीर्णता से मुक्त भारत तथा मानवता का कल्याण करनें वाली भावना सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा आनलाइन शिक्षण से सम्भव हो सकती है। प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प से सिद्धि का साध्य हम आनलाइन शिक्षण माध्यम से प्राप्त कर सकते है। आनलाइन शिक्षण से दुनिया के सभी ज्ञान तथा विद्यायों की जानकारी हमें प्राप्त हो सकती है। शोध को ज्ञानपरक तथा मौलिकता और गुणवत्तापरक शिक्षा में यह एक सकारात्मक कदम है।

 विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कामर्स के पूर्व डीन प्रो0 जगदीश नारायण जी ने कहा कि आनलाइन शिक्षण पद्धति को भारत में एक आपात धर्म के रूप में स्वीकार किया गया हैै इसे सामान्य धर्म में नही बदलना चाहिए। उन्होने कहा कि तकनीकि का प्रयोग एक साधन के रूप में प्रयोग करना उचित होगा किन्तु यह साध्य बन जाये तो इसका दुरूपयोग होगा।विशिष्ट अतिथि प्रो0 शीलप्रिय त्रिपाठी पूर्व प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय बिंदकी ने कहा कि शिक्षण अद्यिगम में फेस टू फेस शिक्षण का विकल्प आॅनलाइन शिक्षण नही है किन्तु आज वर्तमान में समय और परिस्थिति के अनुरूप इसकी मांग है। आनलाइन शिक्षण से मानवता का गुण सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। व्क्तव्य में कहा कि परिवर्तन समाज का अभिन्न अंग है।कीनोट स्पीकर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो0 कारीमुल्लाह ने कहा कि वर्तमान समय में आनलाइन शिक्षण अद्यिगम एक अवसर है पूरी शिक्षा व्यवस्था बदलने के लिए आज विश्व के सभी देश अमेरिका जापान चाइना जो आगे बढे गये है उन्होने इस अद्यिगम का प्रयोग पहले से ही किया है। तकनीकि में नये प्रयोग सदैव ही लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए लाभकारी रहे है। ब्लैक बोर्ड से स्मार्ट बोर्ड तथा स्मार्ट बोर्ड से हम डिजिटल बोर्ड की ओर उन्मुख है। जिससे हम एक साथ लाखों लोगो को प्रभावित कर सकते है। इन्होने आॅनलाइन शिक्षण अद्यिगम के विषय में कुछ भ्रान्तियों पर भी चर्चा किया और कहा कि अगर हमें आगे बढना है तो इन सब चीजों को गौणता पर रखनी होगी। अतः शिक्षण व्यवस्था में आने वाला परिवर्तन भी भविष्य का आधार होगा। विभिन्न महाविद्यालयों से आये विद्वानजनों ने विचार अभिव्यक्त कियें। इस अवसर पर संयोजक डॉ अरविंद शुक्ल द्वारा संपादित संगोष्ठी से सम्बन्धित 02 पुस्तकों एवं महाविद्यालय की पत्रिका प्राची 2020-21 का विमोचन किया गया। सेमीनार में 02 तकनीकि सत्रों मे कुल 34 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ0 अमित जायसवाल एवं  धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डाॅ0 अरविन्द शुक्ला ने  किया।  इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों से आये शिक्षण गण  तथा अन्य और महाविद्यालय के समस्त शिक्षक, डाॅ0 डाॅ0 वन्दना अग्निहोत्री, डाॅ0 सुशील कुमार,  डाॅ0 अंशुबाला, डाॅ0 प्रियंका रानी, धर्मेंद्र पाल, रत्नेश विश्वकर्मा,  अभिषेक गुप्ता,  अमित मौर्य,  तथा छात्रायें भी उपस्थित रही।

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