जनपद में पुलिस अधीक्षक ताश के पत्तों की भांति फेट सकते हैं महकमे का कल्चर

 जनपद में पुलिस अधीक्षक ताश के पत्तों की भांति फेट सकते हैं महकमे का कल्चर



निष्क्रिय थाना अध्यक्षों और चौकी इंचार्जों पर गिर सकती है ईमानदार पुलिस अधीक्षक की गाज


फतेहपुर। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई पाबंदी को निर्वाचन आयोग ने पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। निर्वाचन आयोग के बेड़ियों में जकड़े प्रशासनिक अधिकारी अब पूरी तरह से स्वतंत्र हो गए हैं। आयोग का प्रतिबंध हटने के बाद जनपद के ईमानदार पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने निष्क्रिय थाना अध्यक्षों और चौकी इंचार्जों पर अपनी पैनी निगाह टीका रखी है और वह शीघ्र ही पुलिस मुहकमे में ताश के पत्तों की भांति फेटने का मन बना रखा है। प्रदेश में आदर्श आचार्य संहिता हटने के बाद कई ऐसे जनपद के थाना अध्यक्ष एवं चौकी इंचार्जों को इस बात का भय सताने लगा है कि जो वह चाहते थे वह तो पूरा नहीं हुआ है और प्रदेश में बुलडोजर बाबा की सरकार पूर्ण बहुमत से बनने जा रही है। जनपद के कई ऐसे थाना अध्यक्ष एवं चौकी इंचार्ज बाबा की गणेश परिक्रमा करने में जुटे हुए हैं और अपने आप को पूरी तरह से पारदर्शित करने का प्रयास करने में जुटे हुए हैं।

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