मुश्किल से मुश्किल संभव: प्रधानाचार्या
बिंदकी फतेहपुर।कुछ कर गुजरने का हौसला मन में हो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है ऐसे ही कुछ कर दिखाया है जनपद फतेहपुर के अमौली ब्लाक स्थित रायपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अंबे ने जिनके प्रयासों का नतीजा है कि आज प्राथमिक विद्यालय में बच्चे पढ़ने के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों नवाचार हो के माध्यम से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं अपने इस सफर के बारे में अंबे ने बताया कि जब वर्ष 2015 में रायपुर प्राथमिक विद्यालय में मैं प्रधानाध्यापिका के रूप में आई चुनौती कठिन था नदी के किनारे बसे होने के कारण ग्रामीणों में जहां शिक्षा के प्रति लगाव कम था तो वहीं गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी थी मैंने गांव में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए महिलाओं को जागरूक करने का बीड़ा उठाया विद्यालय में ग्रामीण महिलाओं को बुलाकर चौपाल लगाकर ग्रामीण महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का कार्य मेरे द्वारा किया गया साथ ही साथ बच्चों में शिक्षा के प्रति रोचकता और ज्ञान परक शिक्षा देने के लिए हम लगातार प्रयास करते रहे जिसके अच्छे परिणाम भी हमें मिले गांव की महिलाओं ने अपनी बेटियों को विद्यालय भेजना प्रारंभ किया जिसके चलते हमारे विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ती गई मेरा मानना है कि शिक्षा हम सभी का अधिकार है बेटा हो या बेटी शिक्षा से हम अपने कल को बेहतर कर सकते हैं साथ ही साथ हमने शिक्षा में पर्यावरण को जोड़ते हुए बच्चों को पर्यावरण के प्रति भी जागरूक किया है और हर बच्चे को उसके जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने और उसकी देखरेख पूरे साल करने के लिए प्रेरित भी करते हैं जिससे बच्चे पेड़ों से भी लगाओ रखकर अपने पर्यावरण के प्रति भी जागरूक हुए हैं बीते माह हमारे विद्यालय में जल संरक्षण वृक्षारोपण के संबंध में एक गोष्ठी व जागरूकता रैली निकालकर ग्रामीणों प्रकृति से जोड़ने का प्रयास भी किया गया प्राथमिक विद्यालय रायपुर की प्रधानाध्यापिका के कार्यों की सराहना करते हुए इन्हें जनपद में विभिन्न पुरुस्कारों से सम्मनित भी किया गया है ..
वर्ष 2019 श्रेष्ठ अध्यापक पुरस्कार (ब्लॉक स्तरीय)
वर्ष2020 मिशन शक्ति पुरुस्कार
वर्ष2021 शिक्षक सम्मान समारोह जिलाधिकारी द्वारा शिक्षा में विशिष्ट कार्य के लिए
और ऐसे न जाने कितने सैकड़ों अवार्ड प्रधानाध्यापिका को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए मिल चुके हैं बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखती या प्रधानाध्यापिका कहती हैं कि यह विद्यालय केवल उनकी कर्मभूमि नहीं बल्कि उनका एक परिवार है और अपने परिवार के हर बच्चे का ख्याल वह बखूबी रखती हैं शिक्षा के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा अमौली ब्लाक का यह विद्यालय अपनी प्रधानाध्यापिका के कार्यों से जनपद में एक विशिष्ट स्थान बना रहा है हम आशा करते हैं यह विद्यालय प्रगति के पथ पर यूं ही अग्रसर होते हुए विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करें और यहां के बच्चे भविष्य में देश और अपनी प्रधानाध्यापिका का नाम खूब रोशन करें।