संचारी रोग चूहा छछुंदर से बचाव के बताएं उपाय

 संचारी रोग चूहा छछुंदर से बचाव के बताएं उपाय



बिदकी फतेहपुर।कृषि विभाग द्वारा आज ग्राम रेवाड़ी बुजुर्ग में संचारी रोग और चूहा नियंत्रण से बचाव के लिए कृषक प्रशिक्षण एवं जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया कृषि विभाग के कृषि रक्षा अधिकारी देवेश नागर द्वारा लोगों को जागरूक करते हुए सलाह दी कि चूहे और छछूंदर को नियंत्रित करने के लिये अन्न भंडार पक्का तथा बखारी में करना चाहिए। जिससे उन्हें भोज्य पदार्थ सुगमता से उपलब्ध न हो सके।

चूहेदानी का प्रयोग करके चूहों को मार देने से इनकी संख्या पूरी तहर से नियंत्रित की जा सकती है। चूहा नाशक रसायन जिंक फास्फाइड की 1 ग्राम मात्रा को 48 ग्राम भुने चने तथा 1 ग्राम सरसों के तेल के साथ मिलाकर चारा तैयार करें और इस चारे को चूहों के बिल के आस-पास रख दें। एल्यूमिनियम फास्फाइड दवा की 3 से 4 ग्राम मात्रा प्रति जिन्दा बिल में रखकर बिल को गीली मिट्टी से बंद कर देने से दवा से निकलने वाली फास्फीन गैस से चूहे पूरे तरह से मर जाते हैं। मरे हुए चूहों को खुले में फेंकने के बजाय उन्हें एकत्र कर जमीन में खोद कर दबा दीजिए।

 उन्होंने संचारी रोग से बचाव के लिए बताया कि नालियों में जलभराव रोकें उनकी नियमित सफाई करे और जंगली झाड़ियों को नियमित साफ करे घर और कार्य स्थल के आस पास पानी जमा न होने पाए।   

इस मौके पर प्रदीप सिंह (सहायक कृषि अधिकारी मलवा), अजीत सैनी, मेवालाल विश्वकर्मा, उमाशंकर, विनोद शुक्ला, लोलन अग्निहोत्री, विद्यासागर वर्मा, चन्द्रमा पाल आदि मौजूद रहे।

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