भगवान का दर्शन अगर हो जाए तो आपके जीवन में निखार और व्यक्तित्व चमक जाएगा, जहां हाथ डालोगे सफलता कदम चूमेगी
पशु-पक्षियों को गर्मियों में बहुत तकलीफ, कोई दयालु अगर अन्न-पानी की व्यवस्था कर दे नहीं तो बेचारे तड़प कर भी मरते हैं
यदि आप चेतोगे नहीं तो आप भी रोने-धोने वाली योनि में चले जाओगे
उज्जैन ( मध्य प्रदेश)।जीते जी प्रभु भगवान के दर्शन करने का रास्ता नामदान बताने वाले, प्रभु के पूरी पावर वाले नाम जयगुरुदेव का प्रचार करने वाले, जन्म-मरण और चौरासी लाख योनियों के आवागमन से छुटकारा दिलाने वाले दुःखहर्ता इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 28 अप्रैल 2022 सायं उज्जैन आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि यह मनुष्य शरीर आपको भगवान के प्राप्ति, दर्शन करने के लिए मिला है। लेकिन यदि उपाय आपको नहीं मिलेगा तो दर्शन नहीं हो सकता। भगवान अगर मिल जाएंगे, उनकी आवाज सुनने को मिल जाएगी, उनका दर्शन हो जाएगा तो आपके अंदर निखार आ जाएगा, आपका व्यक्तित्व चमक जाएगा, आप जहां भी हाथ डालोगे, चाहे दुनिया का काम हो, चाहे ऊपर के लोक हो, सफलता आपका कदम चूमेगी। इसलिए एक निशाना आपको बनाना है। एक साधे सब सधे, सब साधे सब जाए।
*गृहस्थ आश्रम श्रेष्ठ है, बच्चों, माता-पिता की सेवा करो लेकिन इसी को सब कुछ मत समझो कि इसी के लिए हम पैदा हुए हैं*
देखो गृहस्थ आश्रम अच्छा और श्रेष्ठ आश्रम है। इसे छोड़ कर जो तपस्या करने के लिए बाहर जाता है उसके तपस्या में विघ्न बाधा बहुत आती है। फिर लौट कर गृहस्थ आश्रम जैसा ही जीवन बिताना पड़ जाता है। इसलिए आप गृहस्थ में ही रहो। घर, जमीन-जायदाद, बाल-बच्चे मत छोड़ो। आपके औरत, बच्चे नहीं हैं तो माता-पिता की सेवा करो। लेकिन जो दुनिया का काम करने में लगे हुए हो इसी को सब कुछ मत समझो कि हमको यही काम करना है, इसी के लिए हम पैदा हुए हैं।
*आपको मनुष्य शरीर इसलिए मिला कि इस शरीर के रहते-रहते दु:खों से छुटकारा पा जाओ*
आप किस लिए पैदा हुए? इस मनुष्य शरीर के रहते-रहते दु:खों से छुटकारा पा जाओ। यह निश्चित है कि यह मिली हुई हीरा जैसी काया, शरीर एक दिन छूटेगा। यह माया का लोक है, मृत्यु लोक है। दुनिया संसार एक दिन सबको छोड़ना पड़ा। अगर नहीं चेतोगे तो आप रोने-धोने वाली, तकलीफों वाली योनि में चले जाओगे।
*पशु-पक्षियों को गर्मियों में बहुत तकलीफ, कोई दयालु अगर अन्न-पानी की व्यवस्था नहीं करे तो बेचारे तड़प कर मरते हैं*
पशु-पक्षियों को इस समय बहुत तकलीफ है जहां पानी की कमी है। जहां पानी है लेकिन कोई दयालु ऐसा नहीं है कि पानी की व्यवस्था कर दें तो यह बेचारे प्यासे रह जाते हैं। प्यास से भी तड़प के मर जाते हैं। जहां अन्न की कमी है, फल नहीं होता, बहुत पानी की कमी है, वहां भूख से भी इनकी अकाल मृत्यु हो जाती है।
*चाहे पशु-पक्षी या मनुष्य, हर योनि में बड़ी तकलीफ है; छुटकारा मिलने पर ही सुख मिलेगा*
आप समझो बड़ी तकलीफ है हर योनि में। नरकों में तो तकलीफ है ही लेकिन हर योनि में चाहे पशु-पक्षी-पेड़ की या मनुष्य की योनि हो, हर योनि में बड़ी तकलीफ है। जब तक इन योनियों से, इस मृत्युलोक से छुटकारा नहीं मिलेगा तब तक सुख मिलने वाला नहीं है।
*सन्त उमाकान्त जी के वचन*
जन-जन प्रकृति नियम अपनाओ, देवी-देवताओं से सुख समृद्धि पाओ। मानव जीवन बड़ा अनमोल है, आत्महत्या करके इसको खत्म मत करो नहीं तो सजा मिल जाएगी। दुर्घटना से बचना है तो मस्तक पर गुरु और दिल में प्रभु को रखना है। दिल मिलाओ हाथ मिलाओ, विश्व युद्ध से राहत पाओ। सन्त उमाकान्त जी का सतसंग प्रतिदिन प्रातः 8:40 से 9:15 तक (कुछ समय के लिए) साधना भक्ति टीवी चैनल और अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित होता है।