वक्त गुरु को खोज तेरे भले की कहूं

 वक्त गुरु को खोज तेरे भले की कहूं



बाबा जयगुरुदेव का वार्षिक भंडारा उज्जैन में 26, 27, 28 मई को, सभी को सादर आमंत्रण


उज्जैन (म.प्र.)।बाबा जयगुरुदेव जी महाराज का दसवां वार्षिक भण्डारा, तपस्वी भण्डारा का कार्यक्रम 26, 27 व 28 मई 2022 को बाबा जयगुरुदेव आश्रम, उज्जैन, म०प्र० (भारत) में मनाया जाएगा। इसमें ध्यान - भजन - सतसंग व नामदान होगा। प्रतिदिन का समय सुबह 4ः30 बजे व शाम 5 बजे रहेगा तथा पूजन 27 की रात में होगा।

सन्त और सतसंग न मिलने व खान-पान, चाल-चलन खराब हो जाने से घर-घर, गांव-गांव व देश-देश में लड़ाई-झगड़ा, हिंसा-हत्या बहुत बढ़ता जा रहा है। प्रकृति (कुदरत) नाराज होकर बीमारी, भूकंप, सूखा, अकाल, बाढ़ व ओलावृष्टि दे रही है। दुखदाई! ऐसे समय में वक्त के मसीहा बाबा उमाकान्त जी महाराज शाकाहारी, सदाचारी, नशा मुक्त बना कर नाम का दान देकर साध, सन्त व आत्मा-परमात्मा की पहचान भी अन्तर में कराते हैं। बाबा जी के बताए अनुसार चलने पर सुख-शांति तो मिलती ही है और नर्क, चौरासी, जन्म-मरण की पीड़ा भी छूट जाती है। ज्ञातव्य है कि यह वही दुखहर्ता बाबा उमाकान्त जी महाराज हैं जिनके दर्शन करने, सतसंग सुनने एवं अपनी बात कह देने मात्र से ही तकलीफों में आराम मिलने लगता है। अतः आप सभी धर्म, जाति, मजहब के मानने वालों से गुजारिश है कि समय से कार्यक्रम में पधारकर सपरिवार, इष्ट मित्र, रिश्तेदारों सहित सतसंग, नामदान, पूजन, सेवा का लाभ ले लीजिएगा। ऐसा अवसर जीवन में फिर मिले या न मिले।


*बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन*


जीवात्मा का कल्याण वक्त के गुरु से ही होता है।

नामदान देने वाला एक समय पर एक ही रहता है। बिना आदेश के कोई किसी को नामदान दे दे तो फलीभूत नहीं होता।

साधक बनकर या नामदान लेकर किसी को धोखा दिया तो सख्त सजा मिलेगी।

आसानी से कोई चीज नहीं मिलती है, मेहनत करनी पड़ती है।

बुरा आदमी कितना भी प्रभावशाली हो जाए उसका अंत जल्दी होता है।

शरीर को चलाने वाली शक्ति, परमात्मा की अंश जीवात्मा की मुक्ति परमात्मा के पास पहुंचने पर ही होती है।

जातिवाद, भाई - भतीजावाद, भाषावाद, कौमवाद, एरियावाद यह खून बहा देता है इससे दूर रहना चाहिए। लोगों को जोड़ने का काम करना चाहिए, तोड़ने का नहीं।

निंदा किसी की मत करना नहीं तो उसके कर्मों के पाप से दब जाओगे।

कुदरत के बनाए नियम - कानून का पालन करने पर सुख का अनुभव होता है।

बुरे कर्म बन जाने पर नरकों में जाना पड़ जाता है।

लोग सन्तों को अपनी परेशानी तो बताते हैं पर सन्तों के बताए उपायों को अमल नहीं करते, इसलिए परेशानी बनी रहती है।

नामदान बड़े भाग्य से मिलता है, नामदान ऐसी चीज है जो हैवान से इंसान, इंसान से भगवान और भगवान से परमात्मा बना देती है। नामदान से परमेश्वर मिल जाते हैं।

दर्शन करते, सतसंग सुनते व नामदान लेते समय हमेशा अपने को नया समझना चाहिए।

अच्छे लोगों को नामदान लेते समय ही सतसंग में दिखाई व सुनाई पड़ने लग जाता है।

बिना शब्द से जुड़े ऊपरी लोकों के धनियों एवं शक्तियों को नहीं देखा जा सकता है।

दसवां द्वार खुलता है तब शब्द सुनाई पड़ता है।

अच्छे काम का संकल्प पूरा हो जाता है।

बिना मेहनत का पैसा फलता - फूलता नहीं है।

बहुत खराब समय आने वाला है, बुरे आदमी का साथ करोगे तो सजा मिल जायेगी।

सन्तों की बातें सुनकर, व्यवहार को देखकर कुछ लोग उन्हें मनुष्य समझने लगते हैं। परन्तु ऐसा नहीं, उनमें परमात्म शक्ति होती है।

शराब अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है।

जय गुरु देव जय गुरु देव जय गुरु देव जय जय गुरु देव नाम ध्वनि रोज रात को सोने से पहले बराबर कुछ दिन बोलने से फायदा दिखने लगेगा। आजमाइश करके देख लीजिए।

विश्व बने धर्मात्मा, पापों का हो खात्मा।हाथ जोड़ कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी।सन्त उमाकान्त जी का सतसंग प्रतिदिन प्रातः 8:40 से 9:15 तक (कुछ समय के लिए) साधना भक्ति टीवी चैनल और अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित होता है।

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