किसान वापस करने लगे सम्मान निधि, अब तक हो चुकी है 1.60 करोड़ की वसूली
प्रयागराज। राशन कार्ड के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि वापस करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। अपात्र होने के बावजूद सम्मान निधि लेने वाले पांच हजार सात सौ से अधिक किसानों से 1.60 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। इनमें से 500 से अधिक वे किसान हैं जिन्होंने खुद ही सम्मान निधि वापस कर दी।
जिले में करीब साढ़े आठ लाख किसान हैं। इनमें से छह लाख 42 हजार से अधिक किसान सम्मान निधि पा रहे हैं। योजना के तहत किसानों को तीन किस्तों में सालाना छह हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना में अपात्रों के भी सम्मान निधि लेने की शिकायतें हुई हैं। इसे देखते हुए शासन की ओर से दोबारा सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में सम्मान निधि पाने वाले सभी किसानों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है।इसका नतीजा यह हुआ है कि अपात्र होने के बावजूद सम्मान निधि लेने वाले 5192 किसानों की न सिर्फ पात्रता निरस्त की गई, बल्कि उनसे एक करोड़ 34 लाख रुपये की वसूली भी गई। ये लोग आयकर दाता होने के बावजूद सम्मान निधि ले रहे थे। शासन की इस सख्ती को देखते हुए पात्रता पूरी न करने वाले खुद ही सम्मान निधि वापस कर रहे हैं।
विगत दिनों में 500 किसान करीब 25 लाख रुपये सरेंडर कर चुके हैं। खास यह कि अब भी रोजाना पांच से छह लोग सम्मान निधि सरेंडर कर रहे हैं। उप निदेशक कृषि विनोद कुमार का कहना है कि दो स्तर पर जांच की जा रही है। ऐसे में खुद ही सम्मान निधि जमा करने वालों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।सम्मान निधि पाने वाले किसानों के डाटा दो स्तर पर ऑनलाइन किए जा रहे हैं। इस योजना का लाभ पाने वाले किसानों को अपने बैंक खाता को आधार से लिंक कराना है। ऐसे 96 हजार किसान चिह्नित किए गए हैं, जिन्होंने आधार लिंक नहीं कराया है। अब इन्हें सम्मान निधि से वंचित होना पड़ेगा। इसके अलावा सम्मान निधि पाने वालों के लिए ई-केवाईसी भी अनिवार्य है। अभी तक करीब साढ़े तीन लाख किसानों ने ही ई-केवाईसी कराया है। जबकि, 31 मई को पहली किस्त आने की उम्मीद है। इस तरह करीब तीन लाख किसानों के इससे वंचित होने का खतरा बन गया है। उप निदेशक का कहना है कि ई-केवाईसी कराने वालों को ही सम्मान निधि की किस्त जारी की जाएगी।