थरियांव कस्बे सहित क्षेत्र में किराए की डिग्री से संचालित नर्सिंग होमो की एवं पैथोलॉजी तथा क्लीनिक कीअसली हकीकत
बहरामपुर नाका के पास सातों रोड में रामसनेही यादव तथा योगेंद्र यादव क्लीनिंक एवं दिपांशू पैथोलॉजी के प्रो० नागेंद्र यादव बना का चर्चा विषय
बिना रजिस्ट्रेशन संचालित हो रहे क्लीनिंक तथा पैथोलाजी,स्वास्थ्य विभाग के रहमो करम पर फल फूल रहा है यह सांठगांठ का खेल
फतेहपुर।थरियांव कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में झोलाछाप मेडिकल स्टोर पाली क्लीनिक जोड़ गांठ वाले नर्सिंग होम व पैथोलॉजी संचालको ने मिल कर मरीजों को फसाने का फैला रखे हैं जाल ये झोलाछाप संचालक अपने आपको बताते हैं एम बी बी एस व सर्जन डाक्टर साहब जिनकी पुष्टि में चार चांद लगा देते हैं इनके सहयोगी पैथोलॉजी संचालक फिर इन सभी चोर चोर मौ सेरे भाइयों का शरू होता है।
मरीजों को लुटने वाला खेल मरीज आने के बाद डॉक्टर साहब पैथोलॉजी संचालक को बुलाकर मर्ज की जांच कराने को बुलाकर गुफ्तगू करते हैं और फिर साहब के कथना अनुसार मरीज को गुमराह करने के लिए बड़े मर्ज की झूठी रिपोर्ट बनाकर दे दी जाती हैं जिसमें मरीज घबरा जाता है और साहब से अच्छा से अच्छा इलाज करके ठीक कर देने की गुहार लगाता है।फिर झोलाछाप डॉक्टर अच्छा इलाज करने के नाम पर उनसे मोटी रकम की उगाही करते हैं , क्लीनिक संचालित के यहां एक साधारण मरीज को भारती करके डेंगू मर्ज की रिपोर्ट तैयार करा कर उनके परिजनों से मोटी रकम की उगाही की जाती है और उस रकम का क्लीनिक व पैथोलॉजी संचालक के बीच हिस्सा बांट कर लिया जाता है।
वाह रे स्वास्थ्य विभाग के लुटेरे डॉक्टरों में छिपे बहरूपियो तुमसे तो अच्छे वो डाकू होते थे जो घरों में रखा ही धन लूटने के बाद जिंदा तो छोड़ देते थे, और जिनसे जमीन में गड़े व बैंक में रखा धन तो बच जाता था, लेकिन तुम लुटेरों से तो जमीन के नीचे छिपा, बैंक में जमा , से लेकर घर खेत जेवरात आदि तक बेचवा कर लूट लेते हो और तो और महाजन तक से कर्ज लेकर देने के बाद भी मौत दे देते हो आखिर इन झोलाछाप डॉक्टरों का जिम्मेदार कौन?