आरबीएसके टीम ने लौटाई श्रीहन और आर्यांश के चेहरे पर मुस्कान

 आरबीएसके टीम ने लौटाई श्रीहन और आर्यांश के चेहरे पर मुस्कान 



जनपद में 22 मूक बधिर बच्चों का हुआ इलाज


जन्मजात बीमारियों से छुटकारा दिला रहा आरबीएसके कार्यक्रम 


फतेहपुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरबीएसके टीम ने मूक बधिर श्रीहन और आर्यांश का सफल इलाज कराकर दोनों बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटाई है। जिले में अब तक आरबीएसके टीम ने 22 मूक बधिर बच्चों का इलाज कराकर उनकी जिंदगी खुशहाल बनाया है। टीम लगातार स्कूलों में कैंप करके ऐसे बच्चों को चिन्हित कर रही हैं। 

शहर के रहने वाले हंसराज और बीना देवी के पांच वर्षीय पुत्र श्रीहन जन्म से मूक बधिर थे। स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से आरबीएसके टीम ने बच्चे की स्क्रीनिंग करवाई। इसके बाद श्रीहन की कानपुर के एक निजी चिकित्सालय में सर्जरी कराई गई। सर्जरी के बाद अब श्रीहन बोल और सुन सकते है। इसी प्रकार कारीकान धाता गांव के रहने वाले अवध नरायन तिवारी और कविता तिवारी के पांच वर्षीय बेटे आर्यांश को भी जन्म से बोलने और सुनने की समस्या थी। आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर विजय सिंह ने बताया कि गांव में कैंप के दौरान बच्चे की समस्या पता चली थी। इसके बाद बच्चे की कानपुर के एक निजी हास्पिटल में सर्जरी कराई गई। इलाज के बाद अब आर्यांश सामान्य बच्चों की तरह बोल और सुन सकता है। डीईआईसी मैनेजर ने बताया कि यदि कोई बच्चा जन्मजात बीमारी से जूझ रहा है तो बच्चे को तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य लेकर आइये वहां पर प्रारंभिक जांच के बाद आरबीएसके टीम बेहतर इलाज करायेगी। 

इनसेट -

बच्चों के लिये बरदान है आरबीएसके टीम

सीएमओ डा0 राजेंद्र सिंह ने बताया कि आरबीएसके टीम गांव में जाकर स्कूलों में कैंप लगाकर जन्मजात बीमार बच्चों को चिन्हित करती है। इसके बाद बच्चों की स्क्रीनिंग करके उनका हायर सेंटर में इलाज कराया जाता है। सीएमओ ने बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत जन्म से कटे होठ, कटे तालू, दिल में छेद, कान का बहना, त्वचा रोग, दंत रोग, विटामिन डी व ए की कमी वाले बच्चों, क्लब फूट से पीडित बच्चों का इलाज कराया जाता है।

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