जमीनी विवाद को लेकर पड़ोसी द्वारा छप्पर में आग लगाने का आरोप

 जमीनी विवाद को लेकर पड़ोसी द्वारा छप्पर में आग लगाने का आरोप



बिंदकी (फतेहपुर)। थाना बकेवर क्षेत्र के गांव अकबराबाद बांका में 8 जून की रात पड़ोसी ने जमीनी विवाद को लेकर छप्पर में आग लगा दी गई थी जिसका पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया पीड़ित न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है आज पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है उधर थानाध्यक्ष का कहना है कि पीड़ित ने खुद आग लगाई है जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 8 आरोपियों ने लगाया है जिसे लोगों ने देखा भी और मौके पर याद जाकर आग को किसी तरह काबू में किया जिससे बड़ी घटना टल गई। इस घटना में पर्दा डालने के लिए एक विधायक भी हस्तक्षेप करने में जुट गए हैं जिसे पुलिस ने भी स्वीकार किया है।

थाना बकेवर क्षेत्र के अकबराबाद बांका निवासी अतुल कुमार पुत्र स्वर्गीय राम रतन ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देते हुए अवगत कराया कि 8 जून की रात नियंत्रण में कल्याणपुर गया था घर में प्रार्थी की पत्नी सुधा देवी और भाई पिंटू की पत्नी नीमा देवी तथा बच्चे खाना खा पीकर छत में सो रहे थे कि रात करीब 1:00 बजे गांव का पड़ोसी लल्लू  तथा लल्लू का लड़का महेंद्र और लल्लू की पत्नी फूलमती प्रार्थी के दरवाजे पर आए उनके आने की आहट सुनकर छत पर पड़ी औरतों की नींद खुल गई तो देखा कि फूलमती  कल्लू अपने पुत्र महेंद्र से कह रहे थे कि छप्पर में आग लगा दो महेंद्र ने दरवाजे पर खड़े छप्पर में आग लगा दिया। आग देखकर औरतें चिल्लाने चिल्लाई तो गांव वालों ने दौड़कर छप्पर के पास बने जानवरों के गिरांव काटे तब जानवरों की जान बची और किसी तरह आग बुझाई। आग में छप्पर कपड़े अन्य घरेलू सामान जलकर नष्ट हो गया। लल्लू से अतुल कुमार का जमीनी विवाद चल रहा है। इसी रंजिश के कारण यह घटना की गई। इस घटना से अतुल कुमार का करीब डेढ़ लाख का नुकसान हुआ है। पहले भी कई बार उठ लोगों द्वारा घरवालों के साथ मारपीट गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दे चुके हैं। लेकिन सूचना देने के बाद भी स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जिससे उनके हौसले बुलंद हैं ।आगजनी की घटना को लेकर थाने में मुंह दिखाने के लिए कई बार चक्कर लगाया लेकिन पुलिस ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी। 2 दिन बाद जांच करने गए थानाध्यक्ष उन्हीं को परिवार के लोगों ने भ्रमित करते हुए पीड़ित के ऊपर उल्टा आरोप लगाया पुलिस ने पीड़ित पक्ष के बिना मिले जांच पड़ताल करने के बाद अब पुलिस उल्टा बोलने लगी कि पीड़ित ने खुद छप्पर में आग लगाई है। जबकि पीड़ित पक्ष द्वारा आगजनी के समय प्रत्यक्षदर्शियों से सच्चाई पूछने की बात रखा तो उनकी एक भी बात नहीं सुनी जा रही है। पुलिस के कारनामों  से पीड़ित पक्ष आहत है। जिससे हताश होकर पुलिस अधीक्षक की  चौखट में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। इस प्रकार में एक विधायक भी हस्तक्षेप कर देने से पुलिस दबी जुबान में कह रही है कि विधायक का फोन आ जाने से न्याय देना मुश्किल हो रहा है।

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