बुंदेलखंड के किसानों के लिए मुसीबत बने अन्ना गोवंश
हर साल अन्ना जानवरों के आतंक से दहशत में रहते है किसान
नाम के लिए बनी गौशालाएं दलदल और गंदगी का लगा अंबार
आवारा जानवरों से फसलों को बचाने के लिए रातों दिन किसान कर रहे खेतों की रखवाली
रिपोर्ट - श्रीकान्त श्रीवास्तव
बांदा - बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा हमेशा से एक बड़ी समस्या रही हैं। दरअसल भौगोलिक दृष्टि से बुंदेलखंड इलाका उ.प्र. और मप्र में बंटा हुआ है. उ.प्र. के बुंदेलखंड क्षेत्र में महोबा, हमीरपुर, जालौन, बांदा और चित्रकूट कुल सात जिले आते हैं. इन जिलों में हर साल किसान अन्ना जानवरों के आतंक से दहशत में रहते हैं. इस बार भी देर से बारिश होने के देर से फैसले बोई गई है लेकिन अब अन्ना पशुओं ने खेतों पर हमला बोल दिया. ये जानवर खड़ी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. योगी सरकार ने गांवों में गोशाला तो बनवा दिए है। लेकिन अन्ना जानवरों को इन गोशालाओं तक नहीं पहुंचाया गया। अब आखिर कौन दोषी है। जब किसानों को रातों दिन फसलें बचाने के लिए खेतो में पड़े रहना है। तो गोशाला के नाम पर लाखो करोड़ों रुपया बरबाद करने की आवश्यकता ही क्या है।
*आखिर आवारा पशुओं से किसानों को कब मिलेगी राहत,*
इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार के द्वारा एवं जिला प्रशासन के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी किसानों को अन्ना प्रथा से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में जब से सरकार बनी है। तब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा गोवंशो के रहने खाने की उचित व्यवस्थाओ के लिए लगातार फंड जारी किया जा रहा। गांव गांव गो आश्रय स्थलों का निर्माण भी कराया गया लेकिन गो आश्रय स्थल केवल नाम के बनकर रह गए है । अब यही गोवंश किसानों के लिए सिरदर्द बन गए।, क्योंकि अब गोवंशओं को कोई भी किसान अपने घरों में रखना नहीं चाहते उनका कहना है की अगर गोवंशो को घर में रखेंगे और गोवंशो की संख्या बढ़ेगी उनको क्या करेंगे, उनको ना तो बेंच सकते हैं। ना छोड़ सकते हैं। किसानों के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बन गए ऐसा नहीं है कि सरकार गोवंश को लेकर कुछ कर नहीं रही। लेकिन इतने सारे गोवशो की व्यवस्थाएं करना आसान बात नहीं है। देखा जाए तो किसान अपनी फसलों की रखवाली करने के लिए रातों दिन खेतों में पड़ा रहता है। चाहे बारिश हो या ठंडी हो, चाहे गर्मी हो हर ऋतु में अपनी फसल बचाने के लिए रातो दिन रखवाली करते हैं।
*रातों दिन किसान कर रहे खेतों की रखवाली*
जनपद में ग्रामीण स्थलों पर बनी गौशालाओं में अभी गोवंश को को नहीं रखा जा रहा है। ज्यादातर गोवंश अन्ना घूम रहे है। जो कि हादसों को दावत देते हैं कई बार अचानक गोवंश वाहन के सामने आ जाते हैं जिस से दुर्घटनाग्रस्त होकर गोवंश भी घायल हो जाते हैं। या दम तोड़ देते हैं वहीं हादसे से वाहन सवार लोग भी गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। या तो अपनी जान गवा देते हैं। बारिश के सीजन में गोवंशो को बैठने के लिए कहीं कोई सुखी जगह नहीं होती है। इसलिए सारे गोवंश रोड में बैठने के लिए मजबूर होते हैं। और किसी वाहन की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं या दम तोड़ देते हैं। वही कुछ वाहन सवार भी गोवंशों को बचाने के चलते सड़क हादसे का शिकार होकर अपनी जवान गवा देते हैं
*गोवावंशो के कारण अक्सर होती है सड़क दुर्घटनाएं*
गिरवा थाना अंतर्गत एक गांव के पास गोवंश को बचाने के चक्कर में ट्रक पलट गया ड्राइवर ने बताया कि अचानक ट्रक के सामने 2 गोवंश आ गए जिन को बचाने के कारण ट्रक पलट गया सबसे बड़ी बात यह है कि उस समय ट्रक के आसपास कोई मौजूद नहीं था अन्यथा ऐसी स्थिति में एक बड़ी घटना हो सकती थी लेकिन यह एक पहली घटना नहीं है इस तरह की घटनाएं बुंदेलखंड में आम हो गई लगातार कहीं न कहीं इस तरह के हादसों की खबरें आती रहती है। लेकिन यह एक बहुत बड़ी समस्या है। अन्ना गोवंश को गौशालाओं में रखना चाहिए उनके खाने-पीने और को आश्रय स्थलों में व्यवस्थाएं की जानी चाहिए लेकिन गौशालाओं के नाम पर खानापूर्ति नहीं की जानी चाहिए, किसान पूरी तरह परेशान हो गया है। एक तो पहले समय से बारिश नहीं हुई जिसके कारण फसलें नहीं बोई जा सकी, देर से ही सही जब बारिश हुई उसके बाद किसान ने किसी तरह अपनी फसल बोई लेकिन अब उनको अन्ना जानवरों से बचाना सबसे बड़ी चुनौती है
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी गांव में आस्थाई और स्थाई गौशालाओं का निर्माण कराया है वहीं कुछ स्थाई गौशाला भी बनवाई गई है। इन गौशालाओं में सभी अन्ना गोवंश को रखने के लिए व्यवस्थाएं की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार को कोई बहुत बड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है। केवल गौशालाओं में गोवंशो को रखने से ही अन्ना प्रथा खत्म नहीं होगी इसके लिए गोवंशो की नस्ल सुधार का अभियान बड़ी तेजी से चलाया जाना चाहिए, क्योंकि नस्ल सुधार से ही गौवंशो को बचाया जा सकता है अन्यथा धीरे-धीरे गोवंश पूरी तरह से खत्म होने की स्थिति में पहुंच जाएंगे,
उत्तर प्रदेश जैसे ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बनी योगी सरकार ने फैसला लिया की सभी बूचड़खाने बंद करवा दिए गए गोवंश को बेचने या खरीदने पर रोक लग गई क्योंकि कोई खरीदार नहीं बचा तभी यूपी सरकार द्वारा सभी गांव में गौशालाओं का निर्माण भी कराया गया उनमें गौवंशो को रखा गया। लेकिन बुंदेलखंड में जैसे ही फसल कटती है उसके बाद जो लोग अपने जानवरों को घर में बांध कर रखते हैं। उनको भी अन्ना कर दिया जाता है। अब जो पहले से ही अन्ना जानवर हैं। और कुछ अन्य लोगों के जानवर इतने जानवरों को रखने के लिए सरकार कहां से व्यवस्था करें इस अन्ना प्रथा को खत्म करने के लिए सभी वर्गों को किसान मजदूर और अन्य सभी वर्गों को साथ मिलकर काम करना होगा आज भी अगर अपने अपने गोवंशो को सभी किसान बांध ले तो अन्ना प्रथा की समस्या खत्म हो जाएगी लेकिन किसान भी क्या करें गोवांशो को रखकर उससे किसान को क्या लाभ बाद में गोवंशओं की संख्या बढ़ने के बाद उन्हें किसान भेच भी नहीं सकता है। क्योंकि कोई खरीदार ही नहि है।
*विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के जिला अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने बताया* कि जनपद में लगभग कुल 300 अस्थाई और स्थाई गौशाला है संचालित हैं। लेकिन किसी गौशाला में गोवंश को नहीं रखा गया है। ग्रामीण स्तर पर जितनी भी गौशाला ए बनाई गई हैं। सभी गौशालाओं में दलदल की स्थिति है। कहीं कोई सफाई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा गौ रक्षा समिति के सभी पदाधिकारी इसी प्रयास में लगे हुए हैं। कि जनपद में जितने भी अन्ना गोवंश हैं। सभी को गौशालाओं में संरक्षित किया जाए क्योंकि किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है। किसानों की फसलें नहीं बच पा रही हैं। किसान रातों दिन खेतों में रखवाली करने के लिए मजबूर है। अगर किसान की फसल नहीं बच पाएगी तो किसान का गुजारा कैसे होगा और किसान से ही जुड़े हम सभी लोग हैं। क्योंकि जब किसान अन्य पैदा करता है। तभी सभी लोग खाते हैं। इसलिए किसानों की समस्याओं को देखते हुए अतिशीघ्र कोई बड़ा कदम उठाना चाहिए।