स्वच्छ एवं लघु उद्यम खादी एवं ग्रामोद्योग रेशम हथकरघा तथा वस्त्रोद्योग विभाग मंत्री ने उद्योग बढ़ाने को लेकर दिया जोर

 स्वच्छ एवं लघु उद्यम खादी एवं ग्रामोद्योग रेशम हथकरघा तथा वस्त्रोद्योग विभाग मंत्री ने उद्योग बढ़ाने को लेकर दिया जोर



फतेहपुर।मंत्री,सूक्ष्म एवं लघु उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा तथा वस्त्रोद्योग विभाग, उत्तर प्रदेश राकेश सचान ने लोक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाऊस में जनपद के समस्त सम्मानित प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं के साथ प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि-

उ0प्र0 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 दिसम्बर 2017 से प्रचलित वर्तमान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत एम०एस०एम०ई० इकाइयों को देय लाभ नेट जी०एस०टी० से लिंक्ड थे, जिसके कारण अधिकतर सूक्ष्म इकाइयाँ एव नियतोन्मुख इकाइयों इस नीति का लाभ नहीं उठा सकी। इसके अतिरिक्त एम०एस०एम०ई० नीति 2017 एवं आई०आई०पी० - 2017 से लघु एवं मध्यम इकाईयों को सम्मिलित किये जाने एवं दोनों नीतियों में लाभ प्रदान करने की व्यवस्था में अन्तर से प्रदेश के उदद्यमियों के मध्य लाभ प्राप्त करने हेतु असमंजस की स्थिति बनी रहती थी। आगामी 05 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर के पायदान पर पहुंचाने हेतु यह आवश्यक है कि विभिन्न नीतियों मे सामंजस्य हो एवं लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का विरोधाभाष न हो।

इन चुनौतियों के दृष्टिगत लाभों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए एवं क्रियान्वयन को सरल बनाते हुए नई सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 प्रस्तावित की गयी है।

प्रस्तावित नीति के अन्तर्गत स्थापित होने वाले नये एम०एस०एम०० उदयन की पूँजीगत उपादान के रूप में 10% से 25% का उपादान उपलब्ध कराया जाएगा। बुन्देलखण्ड एवं पूर्वान्चल क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों हेतु उपादान की सोसा क्रमश: 25%, 20% एवं 15% होगी। इसी प्रकार मध्यान्चल एवं पश्चिमान्चल में उपदान की सीमा क्रमश: 20%, 15% एवं 10% होगी। अनुसूचित जाति / जनजाति एवं महिला उद्यमियों को 2% अधिक उपादान उपलब्ध कराया जायेगा। उपादान की अधिकतम सीमा 4.00 करोड़ रुपये प्रति इकाई होगी।

प्रदेश में स्थापित होने वाले नये सूक्ष्म उद्योग हेतु पूजीगत व्याज उपादान के सम्बन्ध में ऋण पर देय वार्षिक ब्याज का 50 प्रतिशत, अधिकतम रु 25 लाख प्रति इकाई 5 वर्षो के लिए दिया जायेगा।

अनुसूचित जाति / जनजाति एवं महिला उद्यमियों को यह ब्याज उपादान 60 प्रतिशत दिया जायेगा।

प्रदेश की एम0एस0एम0 इकाइयों को अधिक से अधिक श्रेतों से क्रेडिट उपलब्ध कराने हेतु स्टाक एक्सचेंजेस पर लिस्टिंग हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा। ऐसी सभी इकाइयों को लिस्टिंग के व्यय का 20% (अधिकतम रू0 5 लाख) की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

प्रदेश में फ्लैटेड फैक्ट्रीज की स्थापना को प्रोत्साहित किया जायेगा । प्रदेश में 10 एकड़ से अधिक के एस०एस०एम०ई० पार्क स्थापित करने हेतु भूमि क्रय पर 100% स्टाम्प शुल्क में छूट एवं लिये गये ऋण पर 07 वर्षो तक 50% ब्याज उपादान(अधिकतम रू0 2 करोड़) उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग के औद्योगिक आस्थानों में भूखण्डों / शेडों के आवंटन की प्रक्रिया को आन लाइन किया जायेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 05 एकड़ अथवा उससे अधिक की ग्राम सभा की भूमि पुनर्ग्रहीत कर निःशुल्क उद्योग निदेशालय को स्थानान्तरित की जाएगी, जिस पर विभाग द्वारा भूखण्डों का विकास करते जिलाधिकारी द्वारा सर्किल रेट पर आवंटन किया जायेगा। 

इसी प्रकार एक्सप्रेस वे के दोनों ओर 05 किलो मीटर की दूरी के अन्तर्गत औद्योगिक आस्थानों के विकास के माध्यम से एम०एस०एम०ई० इकाइयों को प्रोत्साहित किया जायेगा। प्रदेश के विभिन्न परम्परागत औद्योगिक क्लस्टरों में effluent treatment की समस्या को समझते हुए प्रस्तावित पालिसी में CETP को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस हेतु अधिकतम 10.00 करोड रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

विभिन्न गुणवत्ता मानक यथा Zero Effect Zero Defect (ZED), WHO GMP. Hallmark इत्यादि प्राप्त करने हेतु कुल लागत का 75% ( अधिकतम रूपये 5.00 लाख) की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। भौगोलिक संकेतक (जी०आई० रजिस्ट्रेशन) / पेटेन्ट आदि प्राप्त करने हेतु रू0 2.00 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि क्लीन एवं ग्रीन तकनीक को अपनाने हेतु एस०एस०एम०ई० इकाइयों को अधिकतम 20.00 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।उद्यमिता विकास संस्थान को centre of excellence के रूप में विकसित करते हुए उद्यमिता के पाठ्यक्रमों के आधार पर प्रदेश के युवाओं में उद्यमिता का प्रसार किया जाएगा।

टिप्पणियाँ