पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रशासन सख्त, सेटेलाइट से की जा रही निगरानी,
अपील :- पराली न जलायें और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दें - जिलाधिकारी दीपा रंजन
7 किसानों के ऊपर पराली जलाने के मामले जुर्माना
बांदा - जनपद में अब तक 7 किसानों द्वारा पराली जलायी जाने के मामले सेटेलाइट से पकड़े गये हैं। सेटेलाइट से सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीम मौके पर पहुॅचकर घटना की जॉच की और
दोषी पाये जाने पर 7 किसानों के ऊपर 32500 रू० का जुर्माना लगाया गया है। पराली जलाये जाने की सर्वाधिक 5 घटनायें तहसील बबेरू में सामने आयी हैं, यहाॅ पारा बन्नूबेगम गाँव में श्री धर्मेन्द्र एवं श्री ब्रम्हदीन के विरूद्ध रू० 2500-2500 का जुर्माना लगाया गया है। इसी प्रकार ग्राम दतौरा में श्रीमती मुन्नी देवी के विरूद्ध रू0 2500 एवं ग्राम खरौली के श्री श्रीपाल के विरूद्ध रू0 5000 का जुर्माना लगाया गया है। अतर्रा तहसील के अतर्रा ग्रामीण अन्तर्गत श्रीमती गजमोती के विरूद्ध रू० 15000 का अर्थदण्ड तथा बाँदा सदर तहसील के फतपुरवा गॉव निवासी श्री जगतपाल के विरूद्ध रू0 2500 का जुर्माना लगाया गया है।
अति आवश्यक / महत्वपूर्ण ज्ञातव्य है कि पराली जलाने पर रोक है और सेटेलाइट द्वारा इसकी निगरानी की जाती है
जिससे कि घटना स्थल का अक्षांश, देशान्तर घटना का समय और फायर पावर सभी कुछ सेटेलाइट द्वारा पकड़ लिया जाता है तथा जॉच टीम तुरन्त मौके पर पहुँच जाती है। बीते दिनों मुख्य विकास अधिकारी बॉदा वेद प्रकाश मौर्य ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों, पंचायत सचिवों एवं ग्राम प्रधानों की ऑनलाइन बैठक में लगातार गाँव में मुनादी कराने तथा पराली
को गोवंश आश्रय स्थलों में भेजने हेतु सख्त निर्देश जारी किये हैं, जिसके क्रम में अब तक 640 टन पराली विभिन्न गोवंश आश्रय स्थलों तक पहुॅचायी जा चुकी है। जिलाधिकारी बॉदा श्रीमती दीपा रंजन ने कृषक भाइयों से अपील की है कि वह पराली न जलायें और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दें। बेस्ट डिकम्पोजर के प्रयोग से पराली को सड़ाकर उसे कम्पोस्ट खाद में बदलें अथवा गोवंश आश्रय स्थलों में पहुॅचायें। उक्त का अनुपालन न करने पर नियमानुसार अर्थदण्ड लगाया जायेगा।