निशुल्क होम्योपैथिक औषधि का वितरण व बाल दिवस का आयोजन
बच्चे मन के सच्चे,सारे जग के चांद सितारे
ये जो नन्हें नन्हें फूल हैं, भगवान को लगते हैं प्यारे
फतेहपुर।बच्चों की भावनाओं का कोई मोल नहीं होता क्योंकि सच में बच्चों में ईश्वर का निवास होता है। इस भाव से बाल दिवस के अवसर पर डॉ सत्यनारायण सेवा फाउंडेशन के तत्वाधान में यूथ आइकॉन डॉ अनुराग श्रीवास्तव द्वारा श्री कृष्ण आदर्श विद्या मंदिर मूकबधिर एवं मंदबुद्धि दिव्यांग आवासीय विद्यालय खम्भापुर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने व डेंगू से बचाव हेतु निशुल्क होम्योपैथिक औषधि खिलाई गई। साथ ही बच्चों के दिल में बसने वाले, प्यार करने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का 133 वां जन्मदिन बाल दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अनुराग श्रीवास्तव अध्यक्षता बोर्ड आफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसिन लखनऊ के जिला प्रभारी एवं काउण्ट मैटी मेमोरियल क्लीनिक खंभापुर के डॉ0 वकील अहमद व संचालन मनीष कुमार सिंह छात्रावास अधीक्षक ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ अनुराग श्रीवास्तव व वकील अहमद ने पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर उन्हें नमन करके किया। डाक्टर अनुराग श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में जन्मे पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था और इसलिए उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा जाता है, 1964 में नेहरू जी के निधन के बाद यह फैसला लिया गया कि 14 नवंबर को नेहरू जी का जन्म दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। डाक्टर वकील अहमद ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू एक अच्छे नेता और वक्ता ही नहीं थे वह एक अच्छे लेखक भी थे उन्होंने अंग्रेजी में द डिस्कवरी ऑफ इंडिया,ग्लिमप्स ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री, और बायोग्राफी टू वर्ड फ्रीडम कई किताबें लिखी हैं । 1947 में जब देश आजाद हुआ तब उन्हें देश का प्रथम प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा लाल किले पर तिरंगा फहराने वाले पहले सक्स थे। नेहरू जी ने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो से और कॉलेज की पढ़ाई टिनटी कॉलेज लंदन से पूरी की इसके बाद उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री Cambridge University से पूरी की। मनीष कुमार सिंह ने नेहरू जी के जीवन पर विस्तार से चर्चा की । डॉ अनुराग श्रीवास्तव द्वारा सभी दिव्यांग बच्चों को डेंगू से बचाव हेतु नि:शुल्क होम्योपैथिक औषधि खिलाई गई। साथ ही सभी दिव्यांग बच्चों को पेंसिल बॉक्स, पेंसिल, रबर कटर सहित खाद्य सामग्री (बिस्कुट,चिप्स,टॉफियां)व गुब्बारे देकर खुशियां बांटने की छोटी सी कोशिश की गई। बच्चे उपहार पाकर बहुत खुश थे बच्चे अपनी खुशी का इज़हार इशारों में कर रहे थे। अंत में प्रधानाचार्य महेंद्र सिंह ने आए हुए अभिभावकों ,अतिथियों एवं सभी संभ्रांत लोगों का आभार व्यक्त किया।
अन्य प्रमुख लोगों में अभिनव श्रीवास्तव, मनीष सिंह यादव, अंशुमान सिंह पटेल, सर्वेश कुमार, हेमंत सिंह, राजेंद्र कुमार, सुमन देवी, आशा देवी, सुमित्रा देवी, सुनीता सहित विद्यालय के छात्र व अभिभावक उपस्थित रहे।