आंखों के लिए खतरनाक अपशिष्ट सड़कों पर
आंख में पड़ते ही हमेशा के लिए रोशनी जा सकती है
फतेहपुर। जनपद के औग थाना क्षेत्र में संचालित कारखानों से निकलने वाली जानलेवा राखी(अपशिष्ट) को लिंक मार्गों व बस्ती के किनारे डाली जा रही है ।जिससे जन जीवन में यह राखी जानलेवा साबित हो रही है ।
क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रीयों में आधा दर्जन में धान की भूसी से व्वायलर व पावर प्लाट संचालित हैं। जलने के बाद धान की भूसी से बचे हुए अपशिष्ट काफी खतरनाक होते हैं ।जिन्हें मील संचालक चोरी छिपे रातों में गांव के किनारे पड़ी सरकारी जमीनों पर डलवाते हैं ।जब स्थानीय लोग इसका विरोध करते हैं तो राखी डालने वाले ठेकेदार मारपीट करने पर आमादा हो जाते हैं। फैक्ट्री संचालक ऐसे लोगों को राखी उठाने का ठेका देते है ।जो दबंगई के बल पर गांव समाज की जगह पर राखी डालते हैं। आशापुर,अभयपुर मानिक पुर, गोधरौली, शिवराजपुर आदि गांव के किनारे प्रतिदिन हजारों टन राखी डाली जा रही है। किसान रामभरोसे ,कैलाश ,शैलेंद्र सिंह ,अजय आदि ने
कहाकि यह राखी खेतों के आसपास डाल देने से उपजाऊ जमीन बंजर हो जाती है ।ऐसा कोई गांव नहीं बचा है जहां पर यह राखी ना डाली गई हो ।कई बार प्रशासन को मौखिक व लिखित शिकायत भी की गई। रसूख व दबंगई के चलते आज भी कारोबार जारी है। क्षेत्र का आम जनमानस ,स्कूली छात्र-छात्राएं ,राहगीर टकटकी लगाए जिलाधिकारी फतेहपुर की नजरें इनायत का इंतजार कर रहे हैं। लोधनपुरवा के शिवसागर, औग के सुधीर, मानिकपुर के सोनू सिंह, दुर्गा गंज के मनीष, रानीपुर के पारस सिंह आदि लोगों ने बताया हम लोगों की आंखों में कई बार यह राखी जा चुकी है ।
राखी के आंख में पढ़ने से धुंधलापन, मोतियाबिंद, माढा, इंफेक्शन आदि हो सकता है।
अगर सही समय में इलाज ना किया गया तो आखों
की रोशनी जा सकती है ।
डॉ राजन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र औंग
गोपालगंज के नेत्र परीक्षण अधिकारी डॉक्टर जावेद रजा ने बताया कि यह राखी आंखों में चले जाने से काफी जानलेवा हो जाती हैं। अगर समय से आखों का उपचार नहीं किया गया तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है ।
पशु धन प्रसार अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि राखी के अगल-बगल भरे पानी मेंअगर मवेशियों केे पैर पड़ जाए तो पैरों में गंभीर बीमारियां फैल जाती हैं ।प्यास के कारण जानवर पानी भी पी लेते हैं। जिन्हें बचाना बहुत मुश्किल होता है।