ओवरलोड संग दौड़ रहे संगम- सिस्टम और कम्मो

 ओवरलोड संग दौड़ रहे संगम- सिस्टम और कम्मो



कोडवार्ड से पास कराये जाते वाहन


 हर महीने करोड़ों का होता कारोबार


फतेहपुर।अजीब दास्तां सुनकर बड़ी हैरानी होती है कि जिनके कंधे पर ओवरलोड रोकने की ज़िम्मेदारी है, वही और उनके *शागिर्द ओवरलोड वाहनो* के पासिंग का बड़ा मोहरा बने हुए है, पासिंग के खेल में *कोडवर्ड , रक़म और लोकेशन सब पहिले से तय* होता है, इन दिनों दो हजार से अधिक वाहन इंट्री लेकर सड़को पर फ़र्राटा भर रहे है,  

जिम्मेदारों को केवल *केपी, कम्मो, संगम और सिस्टम , लोकेशन, सुनकर वाहनो से मुँह फेरना होता है ,* 


सूत्रों की माने तो *थाने के कारख़ास सिपाही और बड़े अफ़सरों के ग़नर और ड्राइवर* इंट्री के खेल में प्रमुख भूमिका निभा रहे है, महीने के शुरुआत से दस तारीख़ तक इंट्री का खेल चलता है, पूरे खेल में ज़िम्मेदार खेल के बाहर रहते है, पासिंग का ठेका लेने वाले एक साथ दो सौ तीन सौ गाड़ियों की इंट्री कराते है और उसी के साथ उन्हें सिस्टम, *केपी , संगम जैसे कोडवर्ड* मिल जाते है, इन्ही कोडवर्ड के सहारे ओवरलोड वाहन सड़को पर फ़र्राटा भरते नज़र आते है। 


👉 *1500+500+200 के हिसाब से बंटता है पैसा*


 इंट्री की रक़म का बँटवारा कुछ इस प्रकार होता है कि ज़िम्मेदार और उसके कारख़ास और इंट्री करने वाले सबका हिस्सा लग जाये, *नाम न छापने की शर्त में कई ट्रक ड्राइवर बताते है* कि इंट्री कि रक़म का *सबसे बड़ा हिस्सा 1500 रुपये बड़े साहब* का होता है उसके बाद *पाँच सौ रुपया उनके कारख़ास** और बाक़ी *दो सौ रुपया इंट्री करने वाले को मिलते है* ।

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