राज्य गुणवत्ता समन्वयक ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत एफ डी आर तकनीक से निर्मित हो रही सड़क का किया निरीक्षण

 राज्य गुणवत्ता समन्वयक ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत एफ डी आर तकनीक से निर्मित हो रही सड़क का किया निरीक्षण



फतेहपुर।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत प्रदेश में पहली बार एफडीआर तकनीक से बन रही सड़कों की गुणवत्ता की जांच हेतु उ0प्र0 ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी द्वारा मुख्यालय में तैनात अभियंताओं को विभिन्न जनपदों में निर्माणाधीन मार्गों की गुणवत्ता की जॉच करने हेतु ड्यूटी लगायी गयी है तथा निर्देशित किया गया है कि सड़क निर्माण कार्यों में कमी मिलने पर संबंधित अभियन्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। इसी क्रम में उ0प्र0 ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में तैनात राज्य गुणवत्ता समन्वयक बृजेश कुमार दुबे द्वारा शनिवार को फतेहपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत एफडीआर तकनीक से निर्मित हो रही सड़क की जांच की गयी।

राज्य गुणवत्ता समन्वयक ने एफडीआर तकनीक से बन रही 13 किमी0 की सड़क रक्षपालपुर से बिछियांवा लागत लगभग 14 करोड़ की सड़क की अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए मौके पर ही गुणवत्ता की जांच की गयी। जांच में सड़क निर्माण में खामी पाये जाने तथा निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर राज्य गुणवत्ता समन्वयक द्वारा गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अभियंता को कड़ी फटकार लगाई गयी। उन्होंने जांच में प्राप्त कमियों का शीघ्र निराकरण कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना अतिमहत्वाकांक्षी योजना है इसके निर्माण में किसी प्रकार की लापरवाही तथा उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने नयी तकनीक (एफडीआर) से बन रही सड़कों की जांच के दौरान कहा कि प्रदेश में पहली बार इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण किया जा रहा है इसलिए अधिशासी अभियन्ता अपनी उपस्थिति में पूरी पारदर्शिता एवं निर्धारित मानक के अनुसार सामग्रियों का प्रयोग करते हुए निर्धारित मशीनरी से उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण करायें। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कार्य समय से पूर्ण हो जाए। कार्यों की धीमी प्रगति से कार्यों की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। एफडीआर रोड पर समय निर्धारित है जिसका अनुपालन अभियन्ता और ठेकेदारा दोनों को ही किया जाना है। निर्धारित मानक के अनुसार सामग्री प्रयोग न होने पर अधिशासी अभियंता तथा फर्म के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाएगी। 

राज्य गुणवत्ता समन्वयक ने सड़कों के निर्माण में प्रयोग की जा रही बिटुमिन की जांच लैब से कराने के निर्देश दिए तथा जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिशासी अभियंता तथा ठेकेदार को तालाब के आस-पास रिटेनिंग वॉल में प्रोटेक्शन बनाकर ही एफडीआर का प्रयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने अभियन्ताओं तथा फर्म के प्रोजेक्ट मैनेजरों को निर्मित हो रहे मार्गों पर नियमानुसार सैम्पल एकत्रित कर परीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने एफडीआर तकनीक में प्रयुक्त होने वाली विशिष्ट मशीनों रिसाइकिलर, आटोमेटिक सीमेंट स्प्रेडर, 20 टन पैट फुट रोलर, टैण्डम रोलर, मोटर ग्रेडर एवं पीटीआर रोलर की मशीनों की क्षमता को भी जांचा। 

राज्य गुणवत्ता समन्वयक ने सड़कों की जांच के दौरान अभियन्ताओं को जनहित में पूरी संवेदनशीलता के साथ मार्गों को पूर्ण कराने का निर्देश दिया। जांच के दौरान राज्य गुणवत्ता समन्वयक के साथ यंग सिविल इंजीनियर तथा अन्य अभियन्ता मौजूद थे।

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