विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर ज्योति बाबा का संदेश

 विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर ज्योति बाबा का संदेश



 बाल मजदूरी जड़ से मिटाएं हर बच्चे को नशा मुक्त बनाएं... ज्योति बाबा 

 

बाल श्रम रोककर भविष्य के फूलों को मुरझाने से बचाएं... ज्योति बाबा 


बंद करो बाल मजदूरी नशा मुक्त जीवन है जरूरी... ज्योति बाबा 


कानपुर। दुनिया भर में बाल श्रम में शामिल 152 मिलियन बच्चों में से 73 मिलियन बच्चे खतरनाक काम करते हैं खतरनाक श्रम में मैन्युअल सफाई,निर्माण, कृषि,खदानों कारखानों तथा फेरीवाला एवं घरेलू सहायक इत्यादि के रूप में काम करना शामिल है आई एल ओ के अनुसार इस तरह के श्रम बच्चों के स्वास्थ्य,सुरक्षा और नैतिक विकास को खतरे में डालते हैं भारत में बच्चों में नशे व मोबाइल की लत के बढ़ने से उनमें हिंसा और अनैतिकता चरम पर पहुंच रही है जिससे उनका बचपन खत्म सा हो रहा है उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के तहत सोसायटी योग ज्योति इंडिया व मिडास परिवार के संयुक्त तत्वाधान में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर आयोजित वेबीनार शीर्षक क्या नशा व मोबाइल बच्चों का बचपन छीन रहा है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के नेशनल ब्रांड एंबेसेडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि इस साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की थीम सभी के लिए सामाजिक न्याय, बाल श्रम का खात्मा रखी गई है 21वीं सदी में यह दुखद पहलू है कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में लाखों बच्चे भोजन,शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित हैं और बाल श्रम के लिए मजबूर हैं स्थित तब और भी खराब हो जाती है जब बच्चों को खतरनाक वातावरण में या मादक पदार्थों की तस्करी या वेश्यावृत्ति में दास के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है मिडास परिवार के उपेंद्र मिश्रा व अमन शिवहरे ने कहा कि बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस 2022 का विषय बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण था जो बाल श्रम से सुरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और प्रणालियों में निवेश बढ़ाने पर केंद्रित था। डायरेक्टर शोभा मिश्रा व समाज सेविका बिंदु अग्रवाल ने कहा कि बाल श्रम और गरीबी अनिवार्य रूप से एक साथ बंधे हुए हैं और यदि आप गरीबी को सामाजिक बीमारी के इलाज के लिए बच्चों के श्रम का उपयोग करना जारी रखते हैं तो आपके पास समय के अंत तक गरीबी और बाल श्रम दोनों होंगे। विश्व हिंदू सेवा संघ के के के गुप्ता,रितेश वार्ष्णेय ने जोर देकर कहा कि बाल श्रम बढ़ने का वर्तमान में सबसे बड़ा कारण नशा बन चुका है क्योंकि परिवार के मुखिया की असमय नशा जनित मृत्यु के कारण बच्चों को भरण-पोषण के लिए बाल मजदूरी के लिए बाध्य होना पड़ता है इसीलिए सभी संगठनों को मिलकर तमाम सामाजिक कुरीतियों की जनक नशा के विरुद्ध मोर्चा खोलना होगा और ज्योति बाबा के नशा मुक्ति युवा भारत अभियान को बल प्रदान करना होगा। बाल श्रम के विरोध में आयोजित वेबीनार की अध्यक्षता डॉ सुरेश चंद्र गुप्ता व संचालन सुशील बाजपेयी, नेहरू युवा केंद्र तथा धन्यवाद आयकर अधिकारी शरद प्रकाश अग्रवाल ने दिया। अंत में सभी को बाल श्रम हटाओ नशा मिटाओ का संकल्प योग गुरु ज्योति बाबा ने करवाया। अन्य प्रमुख कुंवर बहादुर सिंह,संतोष कुमार वर्मा, कुंदन सैनी,बबीता,गीता पाल इत्यादि थी।

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