जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति की बैठक कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संपन्न

 जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति की बैठक कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संपन्न




फतेहपुर।जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति की बैठक कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी श्रीमती श्रुति की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कृषि विभाग के अंतर्गत जनपद में दो भूमि संरक्षण इकाईयां जिसमे भूमि संरक्षण इकाई राष्ट्रीय जलागम एवं भूमि संरक्षण इकाई ई0सी0सी0 के नाम से संचालित है। दोनो इकाइयों का मुख्य उद्देश्य बीहड़/बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाने तथा कम उत्पादकता वाले क्षेत्र को उपजाऊ बनाने हेतु विभिन्न कार्यक्रम किए जाते है, जिसके अंतर्गत चयनित क्षेत्रों में लाभार्थियों के आर्थिक स्तर में बेहतर सुधार एवं स्थानीय श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो, के लिए सरकार द्वारा खेत तालाब योजना, पण्डित दीनदयाल उपाध्याय किसान  समृद्धि योजना, एन0एम0एस0ए0, मनरेगा, डब्लूडीसी, पीएमकेएसवाई-2.0 योजनाओं की समीक्षा और विस्तृत चर्चा जिलाधिकारी ने किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत खेत तालाब योजना जनपद में जल संचयन कर भूमिगत जल स्तर में वृद्धि करना और संचित वर्षा जल से अधिक से अधिक क्षेत्रफल में फसलों की सिंचाई और कृषको को मत्स्य पालन, सिंघाड़ा उत्पादन, मोती उत्पादन आदि के उत्पादन को बढ़ावा देने व सकल आय में वृद्धि के लिए योजना से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाय। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसानों की अनुपजाऊ/कम उपजाऊ भूमि में सुधार कर कृषि योग्य भूमि बनाने तथा फसल की उत्पादकता में वृद्धि हेतु कृषि बागवानी एवं कृषि वानिकी संबंधित कार्य कराए जाय और जल भराव क्षेत्रों का उपचार कर फसलोत्पदन तथा उत्पादकता वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए कृषको को जोड़ा जाय, भूमि संरक्षण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए ज्यादा से ज्यादा किसानों की आय बढ़ाने के लिए कार्य किया जाय। तथा इन योजनाओं में सरकार द्वारा प्रदत्त सब्सिडी को समय से किसानों को दिलायी जाय। उ0प्र0 भूमि जल संरक्षण अधिनियम 1963 की धारा-10 के अंतर्गत परियोजनाओं का समिति द्वारा अनुमोदित किया गया। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना ड्रेन(मनरेगा) के अंतर्गत जिन क्षेत्रों में जल भराव के उपचार के अंतर्गत नालों के जीर्णोद्धार का कार्य के लिए संबंधित से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया जाय तभी कार्य कराया जाय। उन्होंने कहा कि संचालित योजनाओं से अच्छादित करने के लिए ध्यान रहे कि पहले किसी योजना से वह कार्य नहीं कराया गया हो। उन्होंने कहा कि भूमि संरक्षण इकाई द्वारा संचालित योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन के लिए सहयोगी विभाग पशुपालन, मत्स्य, उद्यान आदि संबंधित विभागों से समन्वय बनाते हुए अपेक्षित सहयोग लेते हुए किसानों की आर्थिक स्थित को बेहतर बनाने का हर संभव प्रयास किया जाय। 

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल, जिला कृषि अधिकारी बृजेश सिंह, डीसी मनरेगा अशोक कुमार, डीसीएनआरएलएम, राष्ट्रीय जलागम सुमित पटेल, भूमि संरक्षण अधिकारी अमित कुमार मिश्रा, सहायक निदेशक मत्स्य, क्षेत्रीय वनाधिकारी आर0एल0 सैनी सहित सम्बंधित उपस्थित रहे।

कर जनपद में कार्यरत भूमि संरक्षण इकाइयों को लक्ष्य के सापेक्ष संचालित योजनाओं से कृषको को लाभान्वित करने के आवश्यक दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए गए।

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