वन दरोगा की मिली भगत से वन माफिया के हौसले बुलंद

 वन दरोगा की मिली भगत से वन माफिया के हौसले बुलंद



बिदकी फतेहपुर।बिंदकी 52 इमली रेंज बकेवर क्षेत्र के मुगल रोड में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र के सामने वा बगल में कट गए लाखो कीमत के सरकारी शीशम के पेड़। आपको बताते चले की वन माफियाओं के हौसले बुलंदियों पर है। क्षेत्र में जहां क्षेत्रीय वन माफियाओं की मिली भगत से वन माफिया धड़ल्ले से अवैध पेड़ों को काटकर मालामाल हो रहे हैं।  वहीं सरकारी बेश कीमती सरकारी लकड़ी शीशम के पेड़ों को काटकर अपनी व क्षेत्रीय वन दरोगा की जेब गर्म करके मालामाल हो रहे हैं। 

*दो दिन पहले कटा सरकारी शीशम के पेड़*

ताजा मामला बकेवर थाना क्षेत्र से करीबन 1 किलोमीटर की दूरी पर बने बकेवर उप स्वास्थ्य केंद्र के बगल में खड़े शीशम के पेड़ को वन माफिया ने जमीदोज कर दिया एक तरफ 52 इमली चेंज में जहां वनों की सुरक्षा के लिए तैनात क्षेत्रीय वन दरोगा को अवैध कटान रुकने के लिए तैनात किया गया है। लेकिन तैनात क्षेत्रीय वन दरोगा को लगभग 15 वर्ष एक ही क्षेत्र में बीतने से क्षेत्रीय दरोगा की जड़े इतनी मजबूत हो गई है की क्षेत्र में वन माफियाओं से अच्छी  शाठगाठ मिलाकर के क्षेत्र में अवैध कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आप इस तस्वीर को देख सकते हैं की बेश कीमती पेड़ों को काटकर ठिकाने लगा रहे हैं।  इस अवैध कारोबार में जंगलों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए वनरक्षक वा वन दरोगा की अहम भूमिका निभा रहे हैं क्योंकि इन्हें जंगल की सुरक्षा के बदले चंद्र रुपए मिलते हैं जिसके कारण यह अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए मुगल रोड की बेेश कीमती पेड़ों को माफियाओं के हवाले कर देते हैं ताकि इनकी अत्यधिक ज़रूरतें पूरी होती रहे। और रातों-रात बूट खुद कर वहां से गायब कर देते हैं।  ताकि वन विभाग के उच्च अधिकारियों को इसकी जरा सी भी भनक न लगे। 

*कई गावों में कटे हरे पेड़, कार्यवाही शून्य*

आलमपुर गांव में दो हरे पेड़ नीम के, पहाड़ीपुर गांव में दो नीम के पे, माइका का डेरा माजरा मथुरापुर में चार नीम के पेड़ हिम्मतपुर में आम और नीम के लगभग एक दर्जन पेड़ काट गए,,बकेवर थाने के  बगल में एक नीम का पेड़ सराय  बकेवर में एक नीम का पेड़ उप स्वास्थ्य केंद्र के सामने व बगल में दो शीशम का पेड़ कांटे जा चुके हैं सूत्रों के मिली जानकारी में बताया गया कि इन सभी अवैध रूप से काटे गए पेड़ों में क्षेत्रीय वन दरोगा की अहम भूमिका है।  क्षेत्रीय वन दरोगा को क्षेत्र में काटने वाले पेड़ो की जानकारी पहले से ही होती है। 

*कई क्षेत्रों में लकड़ी माफिया है, संपर्क पर*

आपको बताते चले की क्षेत्र में वन माफियाओं के साथ क्षेत्रीय वन दरोगा के जुड़े है लम्बे तार। कोरशम क्षेत्र के करीबन एक दर्जन ठेकेदार है संपर्क पर, बिंदकी,ललौली,कल्याणपुर, औंग जहानाबाद,शकुरा,बकेवर,खजुहा आदि ठेकेदारों  के जुड़े  है तार। 

हालांकि लगभग 15 वर्षों से एक ही जगह पर टिके वन दरोगा की कॉल डिटेल्स निकली जाए तो सारे पर्दे फास हो जाएंगे।

क्यों की अंगद की तरह पैर जमाए बैठा है वन दरोगा। वन दरोगा की जड़े इतनी गहरी हो गई है कि सूत्रों की जानकारी के अनुसार  मालूम पड़ा की अपने उच्च अधिकारियों के आदेशों को भी नजरअंदाज कर देता है।

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