केशव कल्चर के तत्वाधान में हुआ 'फाग महोत्सव' का भव्य आयोजन
'फागुन आयो रे' नामक साझा संकलन पुस्तक का हुआ भव्य विमोचन
कार्यक्रम में देश भर से प्रतिभाग किये हुए 56 प्रतिभागियों को संस्थापिका दीप्ति शुक्ला ने किया सम्मानित
गोरखपुर ।केशव कल्चर के तत्वाधान में फाग महोत्सव का भव्य आयोजन बंग भवन मुक्तधारा ऑडिटोरियम में किया गया l कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध कत्थक गुरू पंडित ममता महाराज तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर माँ शारदे का आह्वान किया l सुप्रसिद्ध वालीवुड गायिका गीता जेडे ने सरस्वती- वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया l सरिता गर्ग 'सरि' ने स्वरचित स्वागत गीत गाकर सभागृह में उपस्थित मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि तथा सभी दर्शकों का स्वागत किया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के 8 राज्यों से विभिन्न कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देने सम्मलित हुए।
कार्यक्रम की अति विशिष्ट अतिथि अंतर्राष्ट्रीय गायक गीता जेडे (पुणे) कार्यक्रम में उपस्थित रहीं l अन्य विशिष्ट अतिथियों में डा. धनंजय मणि त्रिपाठी (गोरखपुर), सरिता गर्ग सरि (जयपुर), 'निर्दलीय' के संपादक कैलाश आदमी (भोपाल), सुरेश खांडवेकार एवं कविता मल्होत्रा (दिल्ली), सीमा रहस्यमयी (आगरा) ने अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
मंच संचालन नृत्यगुरू दुर्गेश्वरी सिंह एवं बंगलौर से विनीता लवानियां द्वारा किया गया l कार्यक्रम के दौरान कविता मल्होत्रा 'वात्सल्य' ने संस्था की संस्थापिका सुश्री दीप्ति शुक्ला को मीराबाई सम्मान देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में संस्था द्वारा 'फागुन आयो रे' नामक साझा संकलन पुस्तक का भव्य विमोचन किया गया l यह पुस्तक 30 से भी अधिक कवियों का साझा संकलन है। जिसके रंगीन पन्नों को सुन्दर चित्रों से सुसज्जित कर फाग की रचनाओं में क्षितिज नागपाल और तेजश्री वरधावे द्वारा मनमोहक रंग उकेरे गए हैं। संस्थापिका सुश्री दीप्ति शुक्ला ने अपने संबोधन में श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि इस पुस्तक पर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा है। जिसके फलस्वरूप परम पूजनीय पंडित ब्रजमोहन (बिरजू महाराज) की रचना से इस पुस्तक का मान बढ़ा है। संस्थापिका दीप्ति शुक्ला जी ने बाँके बिहारी जी के चरणों में पुस्तक भेंट कर उनकी असीम अनुकम्पा का रसास्वादन किया।
कार्यक्रम में देश भर से प्रतिभाग किये हुए 56 प्रतिभागियों को संस्थापिका दीप्ति शुक्ला ने अभिनन्दन पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। साथ ही ममता शर्मा, अनुराधा, पूजा यादव, आशिमा 'कृष्णा' ने गीत गाकर सुन्दर प्रस्तुतियाँ दी l
रंगारंग कार्यक्रम में बाल कलाकारों में आर्शीया महाजन, ईवा भटनागर, अरित्रिका चटर्जी, सरन्या गजभइये एवं शिप्रा अग्रवाल, प्रणव, गौरव, तनिष्का, रोशनी लाडो एवं अनुराधा वर्मा, कोरियोग्राफर पूजा भटनागर एवं विनीता लवानियां जी ने मनोरम नृत्य प्रस्तुतियाँ दी l
कवियों में सीमा रहस्यमयी, नीरू सचदेवा, प्रदीप मिश्रा 'अजनबी', सीमा शर्मा 'मंजरी', विजय सिंह धाकड़, रंजीता जोशी, निशा बुधे झा, शिवराज सिंह राव, नरेश बजाज केवल, जयंती प्रसाद यादव, सुजाता प्रदीप कुमार, पिंकी राठी, समर बहादुर 'सरोज', पारुल राज, साक्षात् भसीन, ऋतु रस्तोगी, आदि कवियों ने सुन्दर काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर दीपेश गौर, बबली सिन्हा 'वन्या', पूजा श्रीवास्तव एवं संगीता वर्मा की उपस्थिति सक्रिय भागीदारी रही l
गौरतलब है कि 60 वर्षो से चल रही 'जाह्नवी' मासिक पत्रिका के संपादक भारत भूषण चड्डा एवं उनकी पत्नी का शाल एव स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार कैलाश आदमी ने निर्दलीय मासिक पत्रिका का लोकार्पण किया। संरक्षक सुरेश खांडवेकर और सरिता गर्ग "सरि" ने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रसंशा की l
इस अवसर पर डा. तेजश्री वरधावे (बोस्टन), भार्गवी रविंद्र (बंगलौर), सुधीर श्रीवास्तव (गोण्डा), सुनीता श्रीवास्तव (सुल्तानपुर), काजल पौनिया (हाथरस), ज्ञानेश्वरी सिंह 'सखी' (पुणे) एवं महानिदेशक प्रतिभा शर्मा (बड़ौदा) ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए संस्था व समस्त टीम को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आयोजन की आशातीत सफलता हेतु समस्त केशव कल्चर परिवार बधाई का पात्र है।
कार्यक्रम के सहयोगकर्ता कविता मल्होत्रा, सेठ रामनिवास गुप्ता, अनुज कुमार तिवारी, संतोष कुमार, सुरेश खांडवेकर, सरिता गर्ग 'सरि', डा. ममता गाबा, समर बहादुर 'सरोज', डा. ममता गाबा, आचार्य हर्षद त्रिवेदी, अर्पणा आर्या 'ध्रुव' एवं कामिनी भारद्वाज, नीरू सचदेवा का आभार प्रकट करती है l कविता मल्होत्रा, क्षितिज नागपाल, मंशा नागपाल, ममता ओजस भवसार, सोनू श्रीवास्तव, मनीषा पाराशर, सुधांशु पाराशर एवं श्रिया पाराशर ने कार्यक्रम को सफल बनाने में भरपूर सहयोग किया l
कार्यक्रम के मीडिया पार्टनर रेडी सोलूशन्स का संस्था आभार प्रकट करती है l साथ ही बीना जखमोला द्वारा उतरांचल के कलाकारों द्वारा बनाई गई कलकृतिया पूरे कार्यक्रम के दौरान आकर्षण के केंद्र में रहीं । कार्यक्रम के अंत में संस्था की ओर से विनीता लवानिया जी के द्वारा सभी का आभार ज्ञापन किया गया।