सुखदेव ने राजा परीक्षित को दिलाई पापों से छुटकारा
फतेहपुर।थरियांव क्षेत्र के मलाव गांव में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथा बंधक ने सुखदेव जन्म और राजा परीक्षित को पापों से छुटकारा की कथा सुनाई।
कथा वाचक पंडित कमल किशोर शुक्ल जी ने सुखदेव जन्म की आज कथा सुनाकर श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत की। कथा वाचक पंडित कमल किशोर शुक्ल ने कहा की सुखदेव अपनी मां के गर्भ में कुल 12 वर्ष तक रहे। तब भगवान नारायण के कहने पर सुखदेव जी ने पृथ्वी में जन्म लिया। इसके बाद सुखदेव जी वन को चले गए।
वहा वन में समिक ऋषि के पुत्र श्रंगी ऋषि राजा परीक्षित कोश्राप दिया। की अपने मेरे पिता जी गले में मृत सर्प डाल दिया है।अब इसी मृत सर्प के सात दिन बाद काटने से आपको मृत्यु हो होगी। यह सुन कर राजा परीक्षित श्राप से मुक्ति पाने के लिए गंगा तट के
किनारे पूजा पाठ करने पर सुखदेव जी का आगमन हो गया। उन्होंने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाकर श्राप से छुटकारा दिलाई।वही राजा परीक्षित ने सुखदेव को प्रणाम किया और खुशी मन में वो अपने राज्य को वापस लौट आए।
वही इस मौके पर आयोजक
रामसाजीवन पाण्डेय, अभिषेक मिश्र,राधेश्याम तिवारी, सुधांशु पाण्डेय, आशुतोष पाण्डेय, आशीष पाण्डेय, राजू पाण्डेय, ऋषभ पाण्डेय, पिंटू दुबे, छोटू सविता, अजय मौर्य, दिलखुस लोधी, आदि लोग मौजूद रहे।