श्रीमद् भागवत कथा का भंडारे के साथ हुआ समापन
शनि देव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में कराई गई थी भागवत कथा
फतेहपुर।विकास खंड विजयीपुर के ग्राम सभा खेमकरनपुर गांव में रविवार को कथावाचक कु० भक्ति त्रिपाठी चित्रकूट बांदा वृंदावन वालों के सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में संत महात्मा सहित बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रसादी का मन वितरण किया गया। भागवत कथा के आयोजक कु० भक्ति त्रिपाठी व आचार्य देवसरन त्रिपाठी ने बताया कि भागवत कथा के समापन पर सुबह हवन कराया गया इसके बाद भंडारे में ब्राह्मण, साधु संतो को भोजन कराने के बाद श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण कराया गया। भागवत कथा के समापन पर भंडारे के आयोजन में ग्रामवासी युवा क्षेत्रवासी सभी भक्तगण सम्मिलित हुए। कथावाचक ने बताया व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के दिन रविवार को विधिविधान से पूजा करवाई। दोपहर तक हवन और भंडारा कराया गया। इस मौके गोदौरा प्रधान प्रतिनिधि शिवपत सिंह, वैदिक आचार्य संदीप , सुभम अवस्थी, रवि अवस्थी,विनय गर्ग,मोनू शर्मा, क्षेत्र पंचायत सदस्य राजू यादव,मनोज कुमार,प्रमोद शुक्ला,नरपत सिंह,भुपत सिंह, डॉ० सुभाष चन्द्र, आदि लोग मौजूद रहे।