अढावल खनन क्षेत्र,अवैध खनन का गढ़ रहा कीर्तिमान
तमाम दावों के बाद भी, अवैध खनन व ओवरलोड पर नहीं लगी लगाम
जिम्मेदारों की मेहरबानी पर, फल फूल रहा लोकेशन का व्यापार
खनन माफिया व लोकेटरों की जुगलबंदी से सड़कों पर रातभर होता है तांडव
फतेहपुर।ललौली खनन क्षेत्र, दशकों से खनन माफियाओं की पहली पसंद बना हुआ है। सरकार बदल गई, राज बदल गया, निजाम बदल गए, फरमान बदल गए लेकिन नहीं बदला तो क्षेत्र का अवैध खनन। वर्तमान समय में हो रहा अवैध खनन से हुई दुर्दशा की गवाही यमुना नदी व नदी से जुड़ा क्षेत्र खुद ही चीख-चीखकर दे रहा है। पहले भी सिंडिकेट के नाम पर इस क्षेत्र में जमकर लूट हुई और आज भी लूट बदस्तूर जारी है बदले हैं तो बस लूटने के तरीके माफियाओं ने सारे नियम कायदों को ताक में रखकर प्रकृति का खजाना लूटा है। कहा जाये तो अवैध खनन के इस काले खेल में खाकी के हाथ भी काले हैं। क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर अफसर भी खूब मलाई चाट रहे हैं। अफसरों की जेबे हरे-हरे नोट की सरसराहट से रोज गर्म की जाती हैं, और फिर अफसर आंखों पर पट्टी बांध लेते हैं। उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता है, सब मौन हो जाते हैं। अवैध खनन ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से सड़कें खस्ताहाल हो चुकी है।
*➡️क्षेत्र की मोरंग खदानों से होती है जमकर ओवरलोडिंग*
लाल सोने (मोरंग) की ओवरलोडिंग का कार्य अढ़ावल खंड 9, खंड 3, खंड 11 की खदानों से (N/R) बिना रॉयल्टी अवैध खनन जमकर दिन रात किया जाता है। खदान संचालको द्वारा बाकायदा ओवरलोड़ ट्रकों को खदान के रास्ते से निकालकर हाइवे तक पूरी जिम्मेदारी के साथ बिना किसी समस्या पहुंचाया जाता है। खदान के रास्ते व हाइवे में शाम होते ही सैकड़ो ओवरलोड़ ढाबो में खड़े कर दिए जाते है और रात होते ही ट्रकों को को लेनदेन कर बेरोकटोक निकालने की व्यवस्था की जाती है।
*बिना रॉयल्टी, बिना टैग के टैक्टरों की लोडिंग जारी*
खदानों से निकलने वाले ट्रैक्टर ट्राला इस समय चौकी थानों की अवैध कमाई का जरिया बना हुआ है। यमुना नदी से बड़ी संख्या में कृषि वाहन लगाकर बालू की ढूलाई अवैध तरीके से की जा रही है । यही नहीं, ट्रैक्टर की ट्रालियों को दोगुना ऊंचा बना बालू लादकर जनपद के विभिन्न मंडियों में पहुंचाया जा रहा है, जो बिना चढ़ावे के सम्भव नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि खनन नियम इसकी छूट देते हैं।नियमानुसार खनिजों की ढुलाई के लिए वाहन स्वामी को भूतत्व एवं खनिज विभाग में वाहनों का पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है, लेकिन जिम्मेदारों की मेहरबानी से नियम को बलाए ताक में रखकर सैकड़ों वाहन बालू की अवैध ढुलाई कर रहे।