जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना अंतर्गत संवेदनशील परवरिश के लिए निर्मित बाल संवेदनशील परवरिश कार्ड फ्लिप बुक नींव का हुआ अनावरण
फतेहपुर - मिशन निदेशक नीति आयोग के निर्देशानुसार जनपद फतेहपुर में जिला प्रशासन , वैन लीर फाउंडेशन एवं विक्रमशिला एज्युकेशन रिसोर्स सोसाइटी के संयुक्त प्रयास से संचालित परियोजना जीवन के प्रथम 1000 दिवस के अंतर्गत निर्मित "बाल संवेदनशील परवरिश कार्ड फ्लिप बुक - "नींव" का अनावरण दिनाँक 28 जून 2024 को जिलाधिकारी श्रीमती सी. इंदुमती आई. ए.एस. के द्वारा गाँधी सभागार कार्यालय कलेक्ट्रेट में किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना आई. ए.एस. , मेडिकल कालेज फतेहपुर के डीन एवं प्रिंसिपल डॉ . आर पी. सिंह , मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. इस्तियाक अहमद , जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग साहब यादव , परियोजना की राज्य प्रमुख साक्षी पवार एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग उपस्थित रहे। उपरोक्त गतिविधि कार्डों का प्रयोग माता-पिता, देखभालकर्ताओं के द्वारा बच्चों के साथ गतिविधियों को करने के लिए
किया जायेगा। साथ ही गृह भ्रमण के दौरान एवं मासिक बैठकों में भी किया जायेगा।
आकांक्षी जनपद फतेहपुर में परियोजना अंतर्गत दिनाँक 19 जून 2024 से 5 जुलाई 2024 तक तीन पृथक बैचों में कुल 185 मुख्य प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ये सभी मुख्य प्रशिक्षक जिले के 6 हजार से अधिक जमीनी कार्यकर्ताओं को संवेदनशील परवरिश एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था में सीखने के अवसरों को बढ़ाने के हेतु प्रशिक्षित करने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम के दौरान समस्त टीम के कार्यों की सराहना करते हुए संसाधन सामग्री के निर्माण में संलग्न प्रारंभिक बाल्य विकास विशेषज्ञ आर्यन कुशवाहा , स्वास्थ्य एवं पोषण विषय विशेषज्ञ सोनल रूबी राय , परियोजना अधिकारी अनामिका पांडेय एवं प्रशांत पंकज आदि को जिला के समस्त अधिकारीयों के द्वारा बधाई दी गई।
कार्यक्रम के दौरान परियोजना की राज्य प्रमुख साक्षी पॅवार के द्वारा पिछले दो वर्षों में संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया गया। साथ ही परियोजना के जिला समन्वयक अनुभव गर्ग द्वारा परियोजना के क्रियान्वयन में स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त सराहनीय सहयोग के बारे में जिलाधिकारी महोदया को अवगत कराया गया।
जीवन के प्रथम 1000 दिन एक बच्चे के संपूर्ण जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवधि में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास की नींव रखी जाती है। जिसके लिए नीति आयोग के द्वारा उत्तर प्रदेश में जिला, फतेहपुर को इस नवाचार हेतु चुना गया है। जहां विश्व स्तरीय प्रतिष्ठित संस्थानों, संसाधन सामग्री एवं बेंचमार्किंग अभ्यास के माध्यम से पिछले दो वर्षों से प्रारंभिक बाल्यावस्था के दौरान मस्तिष्क विकास के लिए संवेदीकरण के द्वारा जो प्रयोग किये जा रहे हैं ,उसके लिए पूरा देश इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणामों की प्रतीक्षा कर रहा है। जिसके लिए अब हाई टच कार्यक्रम को मीडियम टच एवं लो टच तक ले जाने के लिए समस्त ब्लाकों में मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण किया जा रहा है। जिसके लिए ज़िले में 185 मुख्य प्रशिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद ये समस्त मुख्य प्रशिक्षक सभी ब्लाकों में जा कर प्रशिक्षण देने का कार्य करेंगे , इसी परियोजना के दूसरे चरण में खंड स्तर पर 400 से अधिक स्वास्थ्य एवं बाल विकास कार्यकर्ताओं को मॉडल आँगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा।