जयगुरुदेव बाबा उमाकान्त जी महाराज द्वारा गुरुपूर्णिमा पर्व पर सतसंग व नामदान जयपुर में 19, 20, 21 जुलाई को जयपुर में, सभी जाति-धर्म के लोग सादर सपरिवार आमंत्रित
जयपुर (राजस्थान)। भारत सदैव गुरुओं का देश रहा है। उन्होंने लोगों की शारीरिक, मानसिक तकलीफों को दूर करते हुए बौद्धिक व आर्थिक विकास का भी उपाय बताया, साथ ही साथ पराविद्या, आध्यात्मिक विद्या का ज्ञान करा करके कितने जीवों को भवसागर से पार कराकर निज घर पहुंचा दिया। आप लोग तीनों दिन सपरिवार इष्ट मित्रों सहित सतसंग में आकर सुख-शान्ति, जीवात्मा के कल्याण का रास्ता ले लीजिए। यह कार्यक्रम किसी विशेष धर्म और राजनीति से परे है, इसमें आप सभी जाति-मजहब के मानने वाले लोग शरीक हो सकते हैं। विदित हो कि ये वही बाबा उमाकान्त जी महाराज हैं जिनके दर्शन करने, अपनी बात कह देने, नामदान लेकर भजन करने से तकलीफों में तो आराम मिलता ही है, साथ ही साथ जन्म-मरण से बचने के लिए मुक्ति-मोक्ष का भी रास्ता खुल जाता है।
सतसंग व नामदान कार्यक्रम- 19 और 20 जुलाई- सायं 5 बजे से व 20 और 21 जुलाई- प्रातः 5 बजे से स्थान- बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम के पास, निकट टोल प्लाजा, ठिकरिया, अजमेर रोड, जयपुर, राजस्थान में समय परिस्तिथि अनुकूल होने पर होगा।
*स्क्रॉल*
दुनिया की चीजें, माया की छाया हैं, छाया किसी की नहीं होती।
त्रिकालदर्शी से सन्तों का दर्जा ऊंचा होता है। जिसको आदि-अंत का पता होता है, वही सन्त होता है।
गुरु हाड़-मान्स के शरीर का नाम नहीं होता है, गुरु एक पावर है, एक शक्ति है।
सतगुरु से छोटी चीज नहीं मांगनी चाहिए, सतगुरु से सतगुरु को ही मांगना चाहिए।
आंतरिक भजन से सुख शांति सन्तुष्टि मिलती है।