बच्चों के मानसिक विकास को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
बच्चों के मानसिक विकास को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

खंड विकास अधिकारी प्रदीप यादव ने किया दूसरे प्रशिक्षण दिवस का  शुभारंभ

फतेहपुर।13 अगस्त से  6 सितम्बर तक नीति आयोग के निर्देशानुसार संचालित परियोजना जीवन के प्रथम 1000 दिवस अंतर्गत मीडियम टच आंगनवाड़ी केंद्रों हेतु संवेदनशील परवरिश एवं सीखने के अवसरों को बढ़ाने के लिए लगातार एक साथ आठ पृथक बैचों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।  इसी तारतम्य में  आकांक्षी ब्लॉक हथगाम विकासखंड कार्यालय, खागा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,आशीर्वाद पैलेस फतेहपुर एवं जहानाबाद  में प्रशिक्षण दिया गया।
 जिसका शुभारंभ खंड विकास अधिकारी प्रदीप यादव, जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना  के जिला समन्वयक अनुभव गर्ग,बाल विकास परियोजना अधिकारी,संतोष कुमार पाल , एडीओ पंचायत अनुपम शर्मा,पोषण विशेषज्ञ  सोनल रूबी राय तथा हथगाम  में के नीति आयोग के फेलो  राजू सिंह ,ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर श्रीचंदआदि ने किया। 
गुरुवार को हथगाम ब्लाक मुख्यालय के सभागार में 75 एवं खागा में 35  जमीनी कार्यकर्ताओं ट्रिपल ए,ए.एन.एम., आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं आशाओं को प्रशिक्षित किया किया गया।आकांक्षी ब्लॉक हथगाम में गुरुवार को मानसिक,शारीरिक एवं भावनात्मक विकास के साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था में सीखने के अवसरों को बढ़ाने पर बल दिया गया।आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीडीओ,सीडीपीओ,जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग ,एवं सोनल  रूबी राय ने बताया किसी भी सीख की शुरुआत घर से ही की जाती है।प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को सर्वप्रथम अपने परिवार,आस पड़ोस के बच्चों के साथ साझा करने का प्रयास करें।साथ ही प्रतिभागियों को संवेदनशील परवरिश के महत्त्व को प्रेजेंटेशन और लघु फिल्मों के माध्यम से  बताया गया कि गर्भावस्था से 2 वर्ष तक की उम्र में बच्चों का 80 प्रतिशत तक मानसिक विकास हो जाता है।इस महत्वपूर्ण समय के दौरान गर्भवती माता का प्रथम त्रैमास में शीघ्र पंजीयन,पोषण आहार,टीकाकरण,घर का सकारात्मक माहौल एवं बच्चों के  लिए सीखने के अवसरों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।हर सेवा प्रदाता की ज़िम्मेदारी है कि सम्पूर्णता अभियान के दौरान समस्त परिक्षेत्रों में मिली सफलता की कहानियों का दस्तावेजीकरण अनिवार्य रूप से किया  जाए Iआशीर्वाद पैलेस फतेहपुर में  52 प्रतिभागी उपस्थित रहे जिसमें मुख्य प्रशिक्षक एवं प्रारंभिक बाल्य विकास विशेसज्ञ आर्यन कुशवाहा , परियोजना अधिकारी अनामिका पांडेय ने  प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार के काम लागत एवम् वातावरण से एकत्र सामाग्री से खिलौने बनाना सिखाया एवं  उसके उपयोग के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।  जहानाबाद में  कुल 35 प्रतिभागियों के साथ  परियोजना अधिकारी प्रशांत पंकज मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका में उपस्थित रहे।
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