*खंभापुर की 30 बीघा आरक्षित जमीन को मुक्त कराने के लिए सभासद प्रतिनिधि ने जिलाधिकारी को दिया शिकायती पत्र*
*फतेहपुर*। नगर पालिका परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 4 खंभापुर मोहल्ले में भूमाफियाओं द्वारा आरक्षित 30 दिए जमीन को कब्जा करने के मामले में आज वार्ड के सभासद ने मुख्यमंत्री समेत जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरक्षित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है। शिकायत पत्र में वार्ड सभासद रश्मि नागर के पति विवेक नागर ने बताया कि खंभापुर मोहल्ले में भूमाफिया पिछले कई वर्षों से सरकारी दस्तावेजों में दर्ज 30 बीघा आरक्षित जमीन को कब्जा कर उस पर आलीशान मकान के अलावा प्रतिष्ठान खोल रखे हैं कई मर्तबा जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों को सूचना देकर अतिक्रमण हटाने की मांग की गई लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की साथ गांठ के चलते वह दिनों दिन आरक्षित जमीन पर कब्जा करते चले गए । जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया गया कि अतिक्रमणकारियों द्वारा वृक्षारोपण, खलिहान, तालाब, खेलकूद मैदान, व पशुचर की करीब 30 बीघा जमीन सहित लगभग आधा दर्जन प्राचीन कुओ पर कब्जा कर रखा है सभासद प्रतिनिधि ने बताया कि उनके कार्यकाल के पहले दबंगों ने जमीन में कब्जा कर लिया था और अब प्रशासन के सहयोग से आक्रमणकारियों से जमीन को मुक्त कराया जाएगा इस बाबत जिला अधिकारी से शिकायत करने पर उन्होंने कहा कि जांच उपरांत अभियान चलाकर आक्रमणकारियों से जमीन को मुक्त कराया जाएगा। प्रार्थना पत्र में बताया कि अतिक्रमण कारियो ने आरक्षित जमीन पर कब्जा करने के बाद उसमें स्कूल, मुर्गी फार्म, गेस्ट हाउस, एवम आबादी में प्रतिबंधित दूध का चट्ठा के अलावा मिनी फैक्ट्री का संचालन कर रखा है इतना ही नहीं आरक्षित जमीन के अगल-बगल जमीन खरीदने के बाद भूमाफियाओं ने आरक्षित जमीन को अपने कब्जे में लेकर प्लाटिंग करने के साथ ही एक स्कूल के बड़का प्रबंधक ने बाउंड्री वॉल कर स्कूल का बस स्टैंड बना रखा है इसके अलावा इसी जमीन से जुड़े कुछ लोगों ने प्लाटिंग के लिए किसान की जमीन खरीदने के बाद तालबी नंबर को भी प्लाटिंग में शामिल कर खुले आम बिक्री कर रहे हैं जिला प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इस जमीन के खेल में अभी तक आला अफसर की नजर नहीं पड़ी खंभापुर मोहल्ले में खलियान, तालाब, खेल कूद मैदान, वृक्षारोपण व पशुचर की 30 बीघा आरक्षित जमीन पर इस तरह काबिज है कि उन्हें हटाने में जिला प्रशासन को नाको चने चबाने पड़ रहे हैं।