विकसित कानपुर संकल्प को साकार करने हेतु बचपन को नशे के रोग से बचाओ...ज्योति बाबा
बचपन को नशे के रोग से बचा कर रखें उज्जवल भारत की आधारशिला...ज्योति बाबा
नशा मुक्ति नौजवान बने स्मार्ट सिटी कानपुर की पहचान.. ज्योति बाबा
बच्चों में खुशियां बढ़ाने के लिए नशा मुक्त वातावरण जरूरी.. ज्योति बाबा
कानपुर। भारत के बचपन को नशा,प्रदूषण,कुपोषण,बाल बंधुआ मजदूरी, हिंसा से बचाकर ही हम 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बना सकते हैं जिस देश का बचपन पीड़ा,कुंठा,हताशा में हो वह कभी खुशहाल नहीं हो सकता है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में हिंदू जागरण मंच एवं अरुण ग्रामोद्योग संस्थान के सहयोग से नशा मुक्त भारत थीम पर पद्मनाभम मंदिर में आयोजित संगोष्ठी शीर्षक भारत के बचपन को नशे के रोग से कैसे बचाएं पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कहीं,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि छोटे-छोटे बच्चों को नशे का सेवन करते देखकर दुख के साथ आश्चर्य भी होता है क्योंकि दुनिया को सत्य,अहिंसा और आध्यात्मिक ज्ञान की सीख देने वाले भारत में बच्चे नशे के रोग में क्यों जा रहे हैं यह बुद्धिजीवी समाज को सोचकर ठोस रणनीति बनाते हुए कार्य करना ही होगा, ज्योति बाबा ने आगे कहा कि आज शायद कोई घर कानपुर का बचा हो जहां नशे का रोगी ना हो कोई गली ऐसी नहीं बची जहां दो-चार नशे की दुकान ना हो, जब धर्म कर्म इतना दिखाई दे रहा है तो हमारी शिक्षा प्रणाली या संस्कार में चूक कहां हो गई है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए हिंदू जागरण मंच के पियूष रंजन मिश्रा ने कहा कि स्कूलों में नशा मुक्ति का एक बहुत बड़ा प्रयास शुरू करने की जरूरत है हमने यदि किशोर रूपी खड़ी फसल को नशे का दीमक लगने से बचा लिया तो हम 20 से 30 साल में नशा मुक्ति फौज खड़ी कर लेंगे ,इसके लिए देश के सभी प्रबुद्धजनों को सामूहिक संकल्प लेकर नशे के रोग से बचाने का संकल्प लेना ही होगा।
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर मयंक त्रिपाठी ने कहा कि जिस प्रकार से पोलियो को खत्म करने का सभी के सहयोग से विराट अभियान चलाया गया इसी प्रकार नशे के रोग से बचपन को बचाने का चलाना ही होगा।
हेल्थ एक्टिविस्ट हरिओम पांडे ने कहा कि कानपुर की बहुत बड़ी युवा आबादी का नशे में चले जाना समाज की बड़ी हार है।
अंत में सभी को नशा मुक्त भारत का संकल्प योग गुरू ज्योति बाबा ने कराया। अन्य प्रमुख नशा मुक्ति सेनानी अमित सिंह वैभव वाजपेई यीशु त्रिपाठी नीरज श्रीवास्तव अनिरुद्ध सक्सेना राजेश मिश्रा नवल गुप्ता अमित कुमार हर्ष तिवारी हरिओम पांडे विशाल शुक्ला मनीष सोनी सरस्वती सिंह ऋषभ पांडे विनय तिवारी, अरुण कांत दीक्षित,टिंकू वाल्मीकि इत्यादि थे।