1000 दिवस परियोजना के अंतर्गत कोरापुट ओडिशा में एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन
फतेहपुर।नीति आयोग, भारत सरकार, वैन लीर फाउंडेशन, एवं विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी के सहयोग से संचालित जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना के अंतर्गत कोरापुट, ओडिशा में दिनांक 20 दिसंबर 2024 को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह आई ० ए ० एस ० के निर्देशानुसार जनपद से चयनित जिला अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
साथ ही संगोष्ठी के दौरान फतेहपुर उत्तर प्रदेश में संचालित परियोजना के तहत प्राप्त अनुभवों और सीखों को साझा किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. राजीव नयन गिरी ने बताया कि इस परियोजना के तहत संवेदनशील परवरिश और सीखने के अवसरों पर आधारित प्रशिक्षणों ने विभागीय अधिकारियों और जमीनी स्तर पर कार्यरत कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है। इन प्रशिक्षणों के परिणामस्वरूप समुदाय का विश्वास स्वास्थ्य, पोषण, और टीकाकरण जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग ने बताया की मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना आई ० ए ० एस ० के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना के अंतर्गत संवेदनशील परवरिश एवं सीखने के अवसरों को बढ़ाने के लिए 130 आँगनबाड़ी केंद्रों के सौन्दर्यीकरण ,मरमम्त के साथ - साथ बच्चों के खेल - खेल में सीखने हेतु अनेकों नवाचार किये जा रहे है। ज़िले में 13 हाई टच एवं 125 मीडियम टच आँगनवाड़ी केंद्रों में 340 ट्रिपल ए (आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों , ए ० एन ० एम ० , आशा कार्यकत्रियों ) को 182 जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चूका है साथ ही 2769 अन्य लो टच आँगनबाड़ी केंद्रों में 6500 से अधिक जमीनी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किये जाने का कार्य प्रगति पर है।
भारत में नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों के बौद्धिक , शारीरिक, मानसिक ,भाषात्मक एवं भावनात्मक विकास के लिए गर्भावस्था से लेकर दो वर्ष तक का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है जिस अवधि में उनके मस्तिष्क का 85 प्रतिशत तक विकास हो जाता है , और आँगनबाड़ी केंद्र पर प्रवेश से पूर्व घर पर व पूर्व प्राथमिक शिक्षा में प्रवेश के बाद उन्हें सीखने के अवसर प्रदान करने के मूल उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए समुदाय में माता - पिता एवं देखभालकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए पिछले 2 वर्षों से भी अधिक समय से परियोजना के माध्यम से नवाचार किये जा रहे हैं।
इस कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर. एन. गिरी, अतिरिक्त पंचायती राज अधिकारी (तकनीकी) महेंद्र कुमार रजक, और बाल विकास परियोजना अधिकारी (आईसीडीएस), अरविंद कुमार ने प्रतिभाग किया और परियोजना के सफल क्रियान्वयन में अपने अनुभव साझा किए।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन लग्नजीत राउत (अपर जिला मजिस्ट्रेट) और सूर्यकांत बेहरा (उप निदेशक, योजना विभाग, कोरापुट) ने किया। यह सेमिनार विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी (VERS) द्वारा वैन लीर फाउंडेशन (VLF) के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें 85 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें वरिष्ठ जिला अधिकारी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल थे। साथ ही सगोष्ठी के उपरान्त जनपद में नवनिर्मित लाइट हाउस आँगनवाड़ी केंद्र का भी अनावरण किया गया।
जिसमें वैन लीर फाउंडेशन के भारत प्रमुख प्रकाश पॉल , विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी की निदेशक शुभ्रा चैटर्जी ,संस्था प्रबंधक सत्य गोपाल डे,स्वास्थ्य एवं पोषण विषेशज्ञ सोनल रूबी रॉय , वरिष्ठ प्रबंधक मुस्तफिस इकबाल, और वैन लीर फाउंडेशन के प्रमुख सलाहकार निरंजन सत्पथी एवं अन्य प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।